रघुवर की हिदायत- विस्थापितों का पुनर्वास प्राथमिकता होनी चाहिए

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रांची। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि विस्थापितों को पुनर्वास करना प्राथमिकता होनी चाहिए। गोड्डा जिला के तहत इसीएल की खदानों के बोहदा गांव के विस्थापितों का पहले पुनर्वास करें। उन्हें बेहतर से बेहतर सेवाएं मुहैया करायें। सितंबर तक उनके घरों तक पाइपलाइन के माध्यम से पेयजल पहुंचायें।

उन्होंने कहा कि उनके गांव में स्ट्रीट लाइट, बेहतर सड़क, हर घर को गैस कनेक्शन आदि देने के काम में तेजी लायें। इससे गांव वालों के जीवन में बदलाव आयेगा, उनका विश्वास बढ़ेगा। काम करने में आसानी होगी। उक्त निर्देश उन्होंने झारखंड मंत्रालय में कोयला परियोजनाओं की समीक्षात्मक बैठक में अधिकारियों को दिया। उन्होंने कहा कि झारखंड में अबतक यही होता आया है कि विस्थापितों की जमीन तो ले ली जाती है, लेकिन उनका किया वायदा पूरा नहीं किया जाता है। उनके साथ विश्वासघात किया जाता है। अब ऐसा नहीं चलेगा। हमारी सरकार ने पहले के कई विस्थापितों को बसाया है। उनके जमीन देने के साथ साथ उन्हें मालिकाना हक दें।

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उन्होंने कोयला उठाव में माफियागीरी बंद करने के लिए स्थानीय लोगों को काम देने का निर्देश दिया। इसके लिए को-ऑपरेटिव या कंपनी बनाकर काम दिया जायेगा। सीसीएल समेत सभी कोल कंपनियों को संशोधन कर स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिया। इससे माफिया पर लगाम लगेगी। स्थानीय प्रशासन की देखरेख में यह कंपनी या को-ऑपरेटिव का गठन किया जायेगा।

उन्होंने पथ विभाग और कोल कंपनियों को निर्देश दिया कि माइंस क्षेत्रों में बाइपास बनाने के लिए सर्वे कराकर सड़क बनायें, ताकि कोयले के ट्रक गांव या आबादी के बीच से आना जाना न करें। ये सड़क सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली हों।

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बैठक में मुख्य सचिव श्री सुधीर त्रिपाठी, गृह विभाग के प्रधान सचिव  श्री एसकेजी रहाटे, डीजीपी श्री डीके पांडेय, पथ सचिव श्री केके सोन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री सुनील कुमार बर्णवाल, खान सचिव श्री अबु बकर सिदीक पी, लातेहार, हजारीबाग, चतरा के उपायुक्त, सीसीएल सीएमडी श्री गोपाल सिंह, इसीएल के सीएमडी सुनील कुमार झा समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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