केंद्र के प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों की बदल रही है सूरत : राजीव रंजन 

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पटना। नाबार्ड द्वारा हालिया प्रकाशित रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक श्री राजीव रंजन ने केंद्र सरकार के प्रयासों से देश के गांव-गांव में विकास का दायरा बढ़ने की बात कही है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड की रिपोर्ट से यह साबित हो गया है कि विगत वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए क्रांतिकारी कार्यों से आम जनता सीधे तौर लाभान्वित हुई है।

रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार के पिछले चार वर्षों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं, जिनसे 21वीं सदी के भारत में गांव की सूरत और सीरत बदल रही है। दैनिक मजदूरी के पर्याप्त अवसर से लोगों की आय में इजाफा हुआ है तथा उनकी आमदनी का जरिया बदला है।

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रिपोर्ट के अनुसार इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आय में भी बढ़ोतरी हुई है। आज एक ग्रामीण परिवार की औसत वार्षिक आय 1,07,172 रुपये है, जबकि गैर-कृषि गतिविधियों से जुड़े परिवारों की औसत आय 87,228 रुपये रही। तकनीकी विस्तारर से गांव के सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृातिक तानेबाने में भी बदलाव आया है। इसके चलते उनकी जीवन शैली में भी बड़ा बदलाव आया है।

नाबार्ड के मुताबिक आज देश के गांव अत्याधुनिक सुविधाओं के मोहताज नहीं हैं और लगभग हर शहरी सुविधा आज गांवों में सुलभ है। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 87 फीसद ग्रामीण घरों में अब मोबाइल है, वहीं 58 फीसद परिवारों के पास टीवी की सुविधा है। 34 फीसद परिवारों के पास मोटरसाइकिल और तीन फीसद परिवारों के पास कार है। इसके अलावा काफी परिवार आज लैपटाप और एसी से लैस हैं। इन सुविधाओं का सीधा असर ग्रामीण जीवन शैली में देखने को मिल रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में बैकिंग क्षेत्र से जोड़ने के लिए चलाए गए सरकार के अभियान का भी ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक लाभ हुआ है। आज 88.1 फीसद परिवारों के पास बचत खाते हैं, वहीं 55 प्रतिशत कृषक परिवारों के पास एक बैंक खाता है। कृषि से जुड़े करीब 26 फीसद परिवार और गैर-कृषि क्षेत्र के 25 फीसद परिवार बीमा के दायरे में हैं। इसी प्रकार 20.1 फीसद कृषक परिवारों ने पेंशन योजना ली है, जबकि इसके मुकाबले 18.9 प्रतिशत गैर-कृषक परिवारों के पास पेंशन योजना है।

श्री रंजन ने आगे कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आ रहे इन अभूतपूर्व परिवर्तनों आज सबसे ज्यादा बेचैन विपक्ष होगा। उन्हें यह अच्छे पता है कि उनके भ्रष्टाचार और घोटालों से तंग आकर समाज का एक बड़ा तबका पहले ही उनसे दूर हो चुका है और अगर मोदी सरकार के विकास कार्यों से बाकी बचा समाज भी विकसित हो गया तो, वह भी उससे दूर चले जाएंगे।

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