रांची। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड में बिना बिजली के रह रहे 38 लाख परिवारों में से 19 लाख परिवारों तक पिछले चार साल में बिजली पहुंचा दी गयी है। बाकी बचे घरों में दिसंबर तक बिजली पहुंचा दी जायेगी। बिजली आने के साथ ही लोगों के जीवन में गुणात्मक सुधार आयेगा। 2022 तक झारखंड में 4000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इससे राज्य की जरूरत की पूर्ति के साथ ही दूसरे राज्यों को भी झारखंड रोशन करेगा। इसके लिए आधारभूत संरचना सुदृढ़ करने का काम चल रहा है। उक्त बातें उन्होंने विद्युत नियामक आयोग द्वारा आयोजित फोरम ऑफ रेग्यूलेटर्स, इंडिया की 64वीं बैठक में कहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भरपूर संभावनाओं के बाद भी झारखंड में आधारभूत संरचना पर ठीक से काम नहीं होने के कारण बिजली की क्षेत्र में हम पीछे हैं। पिछले चार सालों में संरचना सुधारने पर काफी काम किया गया है। उत्पादन बढ़ाने के लिए पतरातू थर्मल पावर और एनटीपीसी के साथ संयुक्त उपक्रम तैयार किया गया है। यहां 2022 तक 800-800 मेगावाट के पांच यूनिट लगाये जायेंगे। इसमें उत्पादित 85 प्रतिशत बिजली झारखंड को मिलेगी। तेनुघाट का विस्तार किया जा रहा है। राज्य में संचरण के लिए ग्रीड व लाईन अपर्याप्त थे। आनेवाले दो साल में ग्रीड की संख्या चार गुणा हो जायेगी। संथाल परगना और डालटनगंट-लातेहार सेंट्रल झारखंड से जुड़ गया है। यहां पावर ग्रिड से कनेक्टिविटी हो गयी है। वितरण के क्षेत्र में भी काफी काम हो रहा है। सौभाग्य योजना के तहत घर-घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य पूरा किया जा रहा है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आयोग के सहयोग से टैरिफ आर्डर सरलीकृत किया गया है। अब सरकार ग्रांट ने देकर सीधे उपभोक्ताओं को बिजली की दर में सब्सिडी प्रदान कर रही है। निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए शहरों में अंडर ग्राउंड केबलिंग की जा रही है। पावर सब स्टेशन की संख्या बढ़ायी जा रही है। नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है। राज्य मे पहले एटी एंड सी लॉस 40 प्रतिशत था, जिसे घटाकर 30 प्रतिशत पर लाया गया है। इसे 15 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य है। सौर ऊर्जा को सरकार प्राथमिकता दे रही है। नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन में भी रांची शहर का चयन हुआ है। इसका कार्य भी शीघ्र शुरू होगा।
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बैठक में केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग व फोरम ऑफ रेग्यूलेटर्स के अध्यक्ष श्री पी के पुजारी, झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद, गुजरात के अध्यक्ष श्री आनंद कुमार, फोरम ऑफ रेग्यूलेटर्स के सचिव सनोज कुमा झा समेत अन्य राज्य के नियामक आयोग के अध्यक्ष व अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।