पटना। कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक श्री राजीव रंजन ने कहा कि भारतीय सेना को सशक्त करने की दिशा में एनडीए सरकार ने भारत और फ़्रांस दो सरकारों के बीच राफेल वायुयान का बिना किसी बिचौलिये को बीच में डाले एक पारदर्शी सौदा किया, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने लगातार झूठ बोल इस अतिगोपनीय प्रकरण को एक मुद्दा बना दिया है। याद करें तो आज तक किसी कांग्रेस नेता ने राफेल मसले पर न तो कोई कागजात प्रस्तुत किए और न कोई सबूत। फिर भी इस मसले पर इनकी बेचैनी यह साफ़ इशारा करती है कि दाल में कुछ न कुछ काला जरूर है।
बिना किसी तथ्य के राहुल गांधी भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए देश की सुरक्षा से जुड़ी इस अहम डील को खत्म करवाना चाहते हैं और अब ऐसी खबरें भी निकल कर आ रही हैं कि चीन और कांग्रेस में गुप्त करार है, इसीलिए राहुल गांधी खुद आगे बढ़ कर इस मुद्दे पर बेबुनियाद और अब अमर्यादित बयान दे रहे हैं। हकीकत में चीन दो विकल्पों पर काम कर रहा है। एक तो यह कि किसी भी तरह से राफेल डील खटाई में पड़ जाए। याद करें तो 2001 से चल रही डील की प्रक्रिया 2013 तक सरकार में रहने के बाद भी कांग्रेस ने पूरी नहीं की थी।
दूसरा यह कि अगर डील रोकी न जा सके तो सरकार के खिलाफ ऐसा माहौल बनाया जाए कि वह राफेल की तकनीकी जानकारियों को जनता के सामने लाने पर मजबूर हो जाए। जिससे चीन उसका तोड़ निकाल सके। दरअसल इन जानकारियों और कीमतों के विवरण से यह पता लगाना आसान होता है कि उस विमान में किस तरह के हथियार लगाए गए होंगे। ज्ञातव्य हो कि यह सर्वविदित है कि चीन के पास फिलहाल राफेल का कोई तोड़ मौजूद नहीं है। इसके अलावा कांग्रेस इस डील पर झूठ बोल कर पाकिस्तान को भी सीधे-सीधे लाभ पंहुचा रही है।
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हाल ही में राफेल प्रकरण में पाकिस्तानी सूचना मंत्री फवाद चौधरी द्वारा किए गए ट्विट और कांग्रेसी नेताओं के पाकिस्तान प्रेम को देखते हुए कांग्रेस और पाकिस्तान के बीच किसी डील की संभावना को और बल मिल रहा है।
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