पटना। हिंदी में काम करना संवैधानिक दायित्व तो है ही, यह बैंकिंग व्यवसाय लिए भी उपयोगी है। भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबंधक श्री संदीप तिवारी ने यह बात आज हिन्दी पखवाड़ा 2018 पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह के अवसर पर कही। ज्ञातव्य है बिहार-झारक्षंड स्थित भारतीय स्टेट बैंक की सभी शाखाओं और कार्यालयों में 14 से 29 सितम्बर तक राजभाषा नीति के पालन के लिए प्रेरणा और प्रोत्साहन का सिद्धान्त अपनाते हुए हिन्दी पखवाड़ा का आयोजन किया गया, ताकि हिंदी के प्रयोग के प्रति अनुकूल वातावरण तैयार हो सके और लोग बिना किसी परेशानी के हिन्दी में कार्य करने के लिए प्रेरित हो सकें।
श्री तिवारी ने इस अवसर पर कहा कि बिहार-झारखंड की अधिकांश जनता हिंदी भाषा बोलती और समझती है। हम अपने उत्पादों और सेवाओं को आम जनता तक उन्हीं की भाषा में पहुंचा सकते हैं। एक विदेशी भाषा इस कार्य में हमारी सहायता नहीं कर सकती। हम अपने बैंक का व्यवसाय बढ़ाना चाहते हैं तो हमें अपने कामकाज में हिंदी का प्रयोग करना ही पड़ेगा। वित्तीय समावेशन का कार्य हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में करना देश हित में भी है- आम जनता के हित में भी है और बैंकिंग व्यवसाय हित में भी है।
यह भी पढ़ेंः 2030 में दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत : राजीव
कार्यक्रम के आरंभ में भारतीय स्टेट बैंक के मंडल विकास अधिकारी श्री परेश चंद्र बारिक ने कहा कि भारतीय परंपरा अनेकता में एकता की है हिन्दी सबको जोड़ने वाली भाषा है। मुख्य प्रबंधक श्री मुकेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि हिन्दी भाषी क्षेत्र में केवल मानसिक बदलाव की जरूरत है, हिन्दी स्वत: कामकाज की भाषा बन जाएगी। इस अवसर पर भारतीय स्टेट बैंक के सभी उप महाप्रबंधक और विभागाध्यक्ष उपस्थित थे। कार्यक्रम में विजेता प्रतभिागियों को मुख्य महाप्रबंधक श्री संदीप तिवारी ने पुरस्कृत किया।
यह भी पढ़ेंः प्रमोशन में आरक्षण, आधार व लाइव रिपोर्टिंग पर सुपर फैसला