दक्ष मानव संसाधन की जरूरत पूरे देश और दुनिया में हैः रघुवर

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रांची। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि हमारा युवा वर्ग देश का गौरव है। झारखंड राज्य के युवाओं में क्षमता की कोई कमी नहीं है, जरूरत है कि इन युवा क्षमता को सही दिशा की ओर अग्रसर करें। हम ऐसे डिजिटल और ज्ञान आधारित दौर में हैं, जो हमारे जीने और काम करने के तरीकों को बदल रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए आज से 2 वर्ष पूर्व राज्य में रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय  की स्थापना की गई। इस विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी भविष्य में आतंकवाद, आर्थिक अपराध, साइबर क्राइम तथा न्यायिक विज्ञान के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर सकेंगे। दक्ष मानव संसाधन की जरूरत सिर्फ राज्य में ही नहीं, बल्कि देश और दुनिया में है। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के द्वितीय स्थापना दिवस समारोह में संबोधित करते हुए कहीं।

मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि साइबर क्राइम एवं अपराध के नए-नए तरीके वर्तमान समय में राज्य, देश और दुनिया में चुनौती बने हुए हैं। इन चुनौतियों पर विजय प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षित दक्ष मानव संसाधन को एडवांस प्लानिंग करने की जरूरत है। पुलिसिंग व्यवस्था का आधुनिकीकरण केवल नए-नए हथियारों से नहीं हो सकता है। इसके लिए प्रशिक्षित मानव बल मिलना चाहिए, जो आधुनिक तौर तरीकों को जानते हों। राज्य सरकार द्वारा झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण विद्यार्थियों को झारखंड पुलिस में नौकरी के लिए प्राथमिकता देने की योजना बनाई गई है।

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उन्होंने कहा कि आज राज्य में सिक्योरिटी इंडस्ट्रियल फोर्स के जवान बाहर के विभिन्न राज्यों से मंगाये जाते हैं। सीसीएल, बीसीसीएल सहित कई अन्य औधोगिक इकाइयों में सिक्योरिटी फोर्स की लगातार आवश्यकता पड़ रही है। इसे ध्यान में रखकर रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय से यहां के युवा शक्ति को प्रशिक्षित किया जा रहा है. ताकि उन्हें अपने राज्य में ही नौकरी अथवा रोजगार मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्ञान आधारित युग में आईटी का अधिक से अधिक उपयोग हो, यह सुनिश्चित करें। पुलिसिंग व्यवस्था में उपयुक्त वायरलेस  कैडर को आईटी कैडर के साथ जोड़ें। राज्य में होने वाली सिपाही बहाली में भी गुणवत्तापूर्ण दक्ष युवाओं को ही बहाल करें। ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे युवा, जो गरीबी के कारण कॉलेज नहीं आ पाते हैं, उन्हें भी प्रशिक्षित कर दक्ष मानव संसाधन बनाएं। रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में पढ़ाई का दायरा ऐसा हो कि युवक-युवतियों को सिर्फ सरकारी ही नहीं, बल्कि गैर सरकारी संस्थाओं में भी आसानी से नौकरी मिल सके। राज्य सरकार साइबर क्राइम से निपटने के लिए पूरे राज्य में चिन्हित जगहों पर साइबर थाना का गठन कर रही है। प्रशिक्षण प्राप्त दक्ष युवाओं को सुरक्षा के क्षेत्र में रोजगार से जोड़ा जा रहा है। दिन प्रतिदिन सिक्योरिटी फोर्स की मांग प्रत्येक क्षेत्र में बढ़ती जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में टाना भगत परिवारों के 60 बच्चे- बच्चियों का नामांकन सर्टिफिकेट कोर्स इन पुलिस साइंस में कराया गया है। इनकी पढ़ाई- लिखाई, रहने-खाने, कागज- किताब सबकी जिम्मेदारी प्राधिकार ने लिया है। विश्वास है कि यहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद टाना भगत परिवार के बच्चे पुलिस बल में अच्छा काम करेंगे। अध्ययनरत युवा प्रतिभाओं को नवाचार के अवसर प्राप्त हों, इस हेतु दूसरे राज्यों में स्थापित रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के साथ आपसी समन्वय कर नए-नए आइडियाज एवं विचारों का आदान प्रदान करें। जितना ज्यादा रिसर्च करेंगे, परिणाम उतना ही बेहतर होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा की पढ़ाई के लिए स्थापित किया गया झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय देश का तीसरा विश्वविद्यालय है। गठन के मात्र 2 वर्ष की अवधि में ही इस विश्वविद्यालय ने पढ़ाई-लिखाई, अनुशासन एवं तौर तरीकों से शिक्षा जगत में अपनी अलग पहचान बनाई है। इसका सबसे बेहतर उदाहरण यही है कि बंगाल, उड़ीसा, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत बाहर के अन्य राज्यों के युवा आज शिक्षा प्राप्त करने हेतु झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में नामांकन करा रहे हैं। इस विश्वविद्यालय की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करना सरकार की प्राथमिकता रही है। आधुनिकतम साइबर सिक्योरिटी प्रयोगशाला तथा  फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला उपलब्ध कराया गया है। इन प्रयोगशालाओं का उपयोग इस प्रकार करें की रिसर्च में किसी से पीछे नहीं रहें।

मुख्यमंत्री ने कहा अध्ययनरत युवाओं से अपील की कि अपनी बौद्धिक क्षमता का लोहा सिर्फ झारखंड में ही नहीं, बल्कि  पूरे देश और दुनिया में मनवाएं। झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय को मॉडल विश्वविद्यालय के तौर पर विकसित करें। शिक्षा, अनुशासन और व्यवस्था ऐसी हो कि यह विश्वविद्यालय देश और दुनिया को दक्ष मानव संसाधन दे सके। पूरे देश में हमें इस विश्वविद्यालय को रोल मॉडल के रूप में विकसित करना है। हमारी प्रतिस्पर्धा देश के विकसित राज्य  गुजरात से ही नहीं, बल्कि दुनिया के विकसित राष्ट्र के बराबर होनी चाहिए।

राज्य की प्रकृतिक संपदा एवं मेहनतकश मानव संसाधन झारखंड की शक्ति है। इन संसाधनों का सदुपयोग कर हम राज्य को समृद्ध बना सकते हैं. बेरोजगारी एवं गरीबी उन्मूलन सरकार की प्राथमिकता रही है। राज्य के सभी जिलों में कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी युवक युवतियों को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ने का काम हो रहा है।

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