- कोलकाता से डी. कृष्कोण राव
बंगाल की मशहूर दुर्गापुजा के ठीक पहले कोलकाता के नागरबजार जैसे जनबहुल इलाके में आइईडी का विस्फोट होन से कोलकाता की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लग गया हे। कोलकाता के आगरपाड़ा, दमदम, कमरहट्टी इलाकों में बांग्लादेश के आतंकबादी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) की बंगाल शाखा की मदद से जमायतुल मुजाहिद्दीन बांग्लेगादेश (जेएमबी) जैसे संगठ सक्रिय हो रहे हैं। एक अधिकारी का मानना है कि कोलकाता के ताजा बम ब्लास्ट में बांग्लेदेशी आतंकी संगठनों का हाथ है।
राज्य के खुफिया विभाग घटना के 5 दिन बाद भी सुराग ढुंढने मे असफल है। इसलिए कि घटना के बाद ही स्थानीय लोगों ने झाड़ू लगा कर सुराग मिटा दिये थे। खुफिया विभाग के एक अधिकारी का मानना है कि काफी दिनों से खबर मिल रही थी कि उत्तर कोलकाता के कई स्थानों में जेएमबी फिर से सक्रिय़ हो रहा है। इधर इस विस्फोट में इस्तेमाल किया गया सामान को ध्यान में रखते हुए खुफ़िया विभाग को पक्का यकीन है कि यह जेएमबी का ही काम हो सकता है। पुलिस जेएमबी व एबीटी के सदस्यों की तलाश में जुट गई है।
सूत्रों का कहना है कि इस घटना में जिस तरह के साकेट बम का इस्तेमाल किया गया है, वह आम साकेट बम नहीं है। यह काफ़ी शक्तिशाली है। इस तरह के बम खागड़ागढ़ काण्ड में भी इस्तेमाल किये गये थे। उनका यह भी मानना है कि इस तरह के बम बनाने में जेएमबी उस्ताद है। खुफ़िया विभाग का कहना है कि राज्य के मुर्शिदाबाद व बीरभुम के बिभिन्न स्थानों में जेएमबी संगठन फ़िर से सक्रिय़ हो उठा है। पुलिस का यह भी कहना हे कि पश्चिम मिदनापुर के लालगढ़ में माओवादी भी इस तरह के साकेट बम बनाते थे, लेकिन वह इतना शक्तिशाली बम नहीं था। सूत्रों का मानना हे कि राज्य की सीमा से सटे जिलों में जेमबी व अंसारुल्लाह संगठन की बांग्ला टीम फ़िर से सक्रिय हो उठी है, जिससे बंगाल फ़िर से आतंकवादियों के निशाने पर है।
इधर बांग्लादेश के विभिन्न लांचिंग पैड में भी आतंकियों के मौजूद होने की आशंका जतायी जा रही है। समय देखकर चुनाव के पहले कोलकाता समेत कई जिलों में उत्पात मचाने की फिराक ये आतंकी हैं। इधर राज्य भाजपा की ओर से गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर घटना की जांच एनआइए से कराने कि मांग की गयी है, जबकि ममता बनर्जी को अपनी सरकार के सीआईडी पर ही भरोसा है। राज्य खुफ़िया विभाग के एक अधिकारी का मानना है कि खागड़गढ़ विस्फोट के बाद जेएमबी बंगाल माडल के आतंकी दक्षिण भारत के विभिन्न शहरों में छुप गये थे। वे अगर फ़िर से सक्रिय हो रहे हैं तो चिंता की बात है। ममता बनर्जी की सरकार घटना के पीछे माओवादोओं के हाथ होने का हवाला देकर घटना को छोटा साबित करने की कोशिश कर रही हैं।
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इधर दो दिन पहले केन्द्रीय़ गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कोलकाता में ममता बनर्जी को साथ मे बैठक कर प्रेस से कहा कि पश्चिम बंगाल से रोहिंगाओं को किसी भी कीमत पर वापस भेजना होगा। ममता बनर्जी ने उसका विरोध नहीं किया था।