मुख्यमंत्री ने कहा, झारखण्ड निवेश के लिए सबसे अनुकूल प्रदेश, आप आयें और निवेश करें
नयी दिल्ली। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने नई दिल्ली में होटल इम्पीरियल सभागार में स्टेकहोल्डर्स की बैठक में कृषि जगत के निवेशकों को 29-30 नवम्बर 2018 को रांची में होनेवाले ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फ़ूड समिट के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि झारखण्ड निवेश के लिए सबसे अनुकूल प्रदेश है। झारखण्ड में फ़ूड प्रोसेसिंग उद्योग, बागवानी, फ्लोरीकल्चर, डेयरी, मत्स्य आदि के क्षेत्र में निवेश की बहुत भारी संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में राजनीतिक अस्थिरता समाप्त हुई और जनता ने स्थिर सरकार दिया है। राज्य सरकार ने नीतियां बनाईं, त्वरित निर्णय लिया और पारदर्शी व्यवस्था तैयार की है। हमने नीयत साफ रखा है। 2017 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट किया। उसके बाद से 4 ग्राउंड ब्रेकिंग कार्यक्रम किये गए हैं। इसके माध्यम से 62000 से अधिक लोगों को रोजगार दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में एक 1.51 लाख सखी मंडल के माध्यम से 17 लाख महिलाओं को स्वरोजगार तथा मुद्रा योजना के द्वारा 14 लाख युवाओं को स्वरोजगार मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा झारखंड को पहले केवल खनिज और खनिज आधारित उद्योगों के लिए ही जाना जाता रहा है, किंतु हमने झारखंड की वह पहचान बदलने की कोशिश की है। हम कृषि, आईटी सहित सभी क्षेत्रों में उद्योग की संभावनाओं पर जोर दे रहे हैं। यही कारण है कि कृषि पर ग्लोबल सबमिट आयोजित करने जा रहे हैं। साथ ही, कृषकों की आय को दोगुना करना हमारा ध्येय है। ग्रामीण विकास और गांव की समृद्धि हमारा लक्ष्य है। सिंगल विंडो सिस्टम पर जोर है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में जितने एमओयू किए गए थे। उनमें 89 धरातल पर उतर गए हैं। अभी झारखंड में 212 फूड प्रोसेसिंग यूनिट कार्यरत हैं। 29 नवंबर को 50 और फूड प्रोसेसिंग यूनिट का शिलान्यास होगा। यह युग कृषि के क्षेत्र में जैविक खेती का है।
मुख्य सचिव श्री सुधीर त्रिपाठी, उद्योग सचिव श्री विनय कुमार चौबे, कृषि सचिव श्रीमती पूजा सिंघल ने भी निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि झारखण्ड में फूड प्रोसेसिंग यूनिट की अपार संभावनाएं हैं। झारखण्ड में जिन निवेशकों ने निवेश किया है, उन्होंने भी अपने अनुभव सबको बताते हुए कहा कि उद्योगों के लिये झारखण्ड देश का सबसे अनुकूल प्रदेश है। स्टेकहोल्डर्स मीट में मोहन सक्सेना, विनोद गोयल, सिमी मेहता, अभय कुमार आदि कई लोगों ने अपने विचार और सुझाव दिए।
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