बिहार में किसानों के सम्मान के लिए किसान पुरस्कार योजना  

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बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग एक बार उठी है। नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार की खस्ताहाली उजागर होने के बाद नीतीश कुमार ने अपनी पुरानी मांग रिपीट कर दी है।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग एक बार उठी है। नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार की खस्ताहाली उजागर होने के बाद नीतीश कुमार ने अपनी पुरानी मांग रिपीट कर दी है।
  • 22 सितम्बर से किसानों से आवेदन लिया जा रहा
  • ऑनलाइन आवेदन करना होगा, कोई राशि देय नहीं 
  • प्रखंड स्तर पर किसानों को 10 हजार और किसानश्री
  • जिला स्तर पर किसानों को 25 हजार व किसान गौरव
  • राज्य स्तर पर 50 हजार नकद व किसान श्रेष्ठ की उपाधि

पटना। कृषि के विकास के लिए किसानों का विकास अनिवार्य है। किसान की आर्थिक और सामाजिक स्थिति सुधारे बिना कृषि के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। दूसरी तरफ ये बात भी गौर करने लायक है कि जब तक कृषि क्षेत्र का विकास नहीं होगा, किसानों की स्थिति नहीं सुधर सकती है। किसान और कृषि क्षेत्र दोनों एक दूसरे के पूरक हैं और दोनों के सर्वांगींण विकास से ही कृषि का विकास हो सकता है। किसानों को अनुदान और आर्थिक सहायता देकर सरकार उन्हें सक्षम बनाने के लिए हर संभव प्रयास करती है, ताकि उनकी स्थिति सुधरे और मनोबल बढ़ा रहे। किसानों का मनोबल बढ़ाने के लिए सिर्फ आर्थिक सहायता ही जरूरी नहीं है, बल्कि अपनी मेहनत और उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें सम्मानित करना भी जरूरी है, ताकि समाज में उनकी प्रतिष्ठा बढ़े। इसी महत्वपूर्ण मुद्दे को ध्यान में रखकर किसानों को सामाजिक रूप स सम्मानित करने के लिए सरकार द्वारा किसान पुरस्कार योजना शुरू की गई है। राज्य, जिला और प्रखंड स्तर पर सबसे अधिक उत्पादकता प्राप्त करने वाले किसानों को सम्मानित करने की योजना है।

बिहार सरकार द्वारा किसान पुरस्कार योजना फिर शुरू की जा रही है, जिसके लिए  22 सितम्बर से किसानों से आवेदन लिया जा रहा है। इसके लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा और  इसके लिए कोई राशि भी नहीं देनी है।कृषि, पशुपालन व मत्स्यपालन के आलावा अन्य संबद्ध क्षेत्रों  में काम करने वाले किसान इस योजना में पुरस्कृत किये जायेंगे। इस योजना के तहत किसान पुरस्कार के लिए कृषि प्रक्षेत्र के तहत धान, गेंहूँ  और  आलू , क्रॉस गाय पालन और मत्स्यपालन के लिए राज्य, जिला और प्रखंड स्तर पर सबसे अधिक उत्पादकता प्राप्त करने वाले किसानों का चयन किया जाएगा।

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हर प्रक्षेत्र के लिए हर प्रखंड से एक किसान का चयन होगा , जिला और राज्य स्तर पर भी एक-एक किसान किसान का चयन किया जायेगा। प्रखंड स्तर पर किसानों को 10 हजार और किसान श्री की उपाधि दी जाएगी। वहीँ जिला स्तर पर किसानों को 25 हजार और किसान गौरव की उपाधि दी जाएगी। राज्य स्तर पर किसानों को 50 हजार रूपये की नगद राशि और किसान श्रेष्ठ की उपाधि से सम्बंधित प्रशंसा पत्र दिया जायेगा। इस योजना के लिए इच्छुक किसान कृषि विभाग या बिहार कृषि प्रबंधन एवं प्रसार प्रशिक्षण संस्थान (बामेती)  की वेबसाइट पर मुफ्त ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जानी है, प्रथम चरण में वेबसाइट पर फॉर्म में दिए गए विवरणी को भरने के बाद 14 अंकों की एक पंजीकरण संख्या सृजित होगी। दूसरे चरण में पंजीकृत किसान वाले आइकॉन पर क्लिक करके अन्य सूचनाओं और  14 अंकों की पंजीयन संख्या लिखनी पड़ेगी और उसके बाद प्रोसीड के बटन पर क्लिक करके फॉर्म में दिए गए विवरणी को भरना है। पूर्ण रूप से भरे हुए फॉर्म का प्रिंट लेके किसान अपने रिकॉर्ड के लिए अपने पास रख सकते हैं। यह योजना 10 साल पहले शुरू की गई थी, लेकिन एक साल ही चल सकी। पुरस्कार की राशि अधिक होने के कारण बड़ी संख्या में अनियमितता की शिकायतें मिलने लगीं, जिसकी वजह से सरकार ने इसे बंद कर दिया। पुरानी योजना के तहत प्रखंड जिला और राज्य स्तर पर एक-एक किसान ही सम्मानित होते थे। राज्य स्तर पर सम्मानित होने वाले किसान को पांच लाख और जिला स्तर के किसानों को एक-एक लाख रूपये दिए जाते थे।

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