सुशील मोदी ने नीतीश की तारीफ के पुल बांधे, नमो से की तुलना

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सुशील कुमार मोदी ने बिहार की ऋण सीमा बढ़ाने की केन्द्र से मांग की है। मोदी ने कहा कि लाक डाउन की वजह से राजस्व संग्रह में गिरावट आयी है।
सुशील कुमार मोदी ने बिहार की ऋण सीमा बढ़ाने की केन्द्र से मांग की है। मोदी ने कहा कि लाक डाउन की वजह से राजस्व संग्रह में गिरावट आयी है।

पटना। बिहार विधान परिषद के उपभवन स्थित सभागार में आयोजित ‘नीतीश कुमार : संसद में विकास की बातें’ पुस्तक के लोकार्पण समारोह को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरह ही नीतीश कुमार में भी निर्णय लेन का साहस है। नीतीश कुमार में हिम्मत ही है कि वे पंचायत चुनावों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने और शराबबंदी जैसे असाधारण निर्णय ले सके। मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने बड़ी लकीर खींच दी है, जिसकी बराबरी शायद अगले 20-25 वर्षों में भी कोई नहीं कर पाये।

नीतीश कुमार ने केवल मुख्यमंत्री के नाते ही उल्लेखनीय काम नहीं किया है, रेलमंत्री के तौर पर भी उन्होंने बेंचमार्क स्थापित किया। आमतौर पर यह धारणा थी कि विकास कार्यों से वोट नहीं मिलता है, मगर नीतीश कुमार ने यह साबित कर दिया कि विकास से ही वोट मिलता है। नीतीश कुमार के कार्यकाल को इतिहास हमेशा याद रखेगा।

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श्री मोदी ने कहा कि लोकसभा या विधान सभा में दिया गया भाषण अपने समय का दर्पण होता है। लोकार्पित पुस्तक में नीतीश कुमार के संसद में दिए गए भाषणों का संकलन हैं, मगर पिछले 12-13 वर्षों में मुख्यमंत्री के तौर पर विधान सभा और विधान परिषद में उनके दिए गए भाषणों का एक दूसरा संस्करण भी प्रकाशित होना चाहिए। नीतीश कुमार के साथ काम करने वाले लोग अपने अनुभवों के आधार पर इस तरह की पुस्तक का तीसरा संस्करण निकालेंगे।

इधर अपने ट्वीट में रेलमंत्री रहे लालू प्रसाद को लपेटे में लिया। उन्होंने कहा है कि यूपीए सरकार के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे के होटलों को लीज पर देने के बदले फर्जी कंपनियों के जरिये करोड़ों की जमीन कौड़ियों के मोल पर हासिल की थी। लगभग एक अरब 28 करोड़ रुपये मूल्य की ये सम्पत्ति पिछले साल सितंबर में अस्थायी रूप से कुर्क की गई थी। अब उस संपत्ति को न्यायालय ने स्थायी रूप से जब्त कर लिया है। लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव सहित 13 लोग इस मामले चार्जशीटेड हैं। तेजस्वी यादव पिछले 15 महीनों में इस बेनामी सम्पत्ति का बिंदुवार जवाब न मुख्यमंत्री को दे पाये, न आयकर विभाग को संतुष्ट कर पाये। जब यह सम्पत्ति हाथ से जाने वाली है,  तब एक गुनहगार खुद को पीड़ित साबित करने के लिए राजनीतिक यात्रा निकाल रहा है। मोदी का इशारा पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू के दूसरे बेटे तेजस्वी की ओर है।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा है एनडीए सरकार ने बेनामी सम्पत्ति निवारण कानून को इतना मजबूत बना दिया है कि इस मामले में दोषी पाये जाने पर 7 साल के कारावास की सजा, सम्पत्ति के बाजार मूल्य का 25 फीसद जुर्माना और इसके साथ ही 6 साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है।  लालू प्रसाद ने बिहार का विकास तो ठप किया ही, सम्पत्ति की लिप्सा में अपने परिवार की दूसरी पीढी का भविष्य भी अंधकारमय बना दिया।

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