शिविर लगा कर होगी डेंगू मरीजों की मुफ्त जांचः मोदी

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महम्मदपुर नरसंहार के असली साजिशकर्ता राजेश यादव को को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का संरक्षण प्राप्त है। सुशील मोदी ने यह आरोप लगाया है।
महम्मदपुर नरसंहार के असली साजिशकर्ता राजेश यादव को को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का संरक्षण प्राप्त है। सुशील मोदी ने यह आरोप लगाया है।

पटना। डेंगू की रोकथाम के लिए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में आज एक बैठक आहूत की गई, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव श्री संजय कुमार, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव श्री चैतन्य प्रसाद, पटना नगर निगम में आयुक्त श्री अनुपम कुमार सुमन, पी.एम.सी.एच., एन.एम.सी.एच. एवं आर.एम.आर.आई.एम.एस. के पदाधिकारीगण व अन्य लोग उपस्थित थे।

श्री मोदी ने निदेश दिया है कि सभी ब्लड बैंक 24 घंटे खुले रहेंगे तथा सरकारी अस्पतालों के बाहर के मरीजों के लिए भी वहाँ प्लेटलेट्स निकालवाये जा सकेगे। अनेक निजी नर्सिग होम द्वारा रैपिड डायग्नोस्टिक किट से प्राप्त जाँच रिर्पोट पाजिटिव आने पर डेंगू कन्फर्म कर दिया जाता हैं, जबकि इसके लिए एन.एस.-1 टेस्ट की रिपोर्ट कराना अनिवार्य होता है। श्री मोदी ने पी.एम.सी.एच., एन.एम.सी.एच. एवं आर.एम.आर.आई.एम.एस. में मुफ्त जांच शिविर लगाने का निर्देश देते हुए आम लोगों से अपील की कि यहां आकर डेंगू की मुफ्त जाँच करायें।

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उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार प्लेटलेट काउंट 10 हजार से कम होने पर ही उसे चढ़ाया जाना चाहिए, जबकि अनेक निजी नर्सिंग होम द्वारा 60-70 हजार प्लेटलेट काउंट रहने पर भी मरीजों को उसे चढ़ा दिया जाता है, जो उचित नहीं है। साथ ही यह भी आवश्यक नहीं कि प्लेटलेट मरीज के ब्लड ग्रुप का ही होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पटना नगर निगम द्वारा एंटी लार्वा दवा का छिड़काव और फागिंग लगातार करवाया जा रहा है, जिससे मलेरिया, फाइलेरिया आदि बीमारियों की रोकथाम में मदद मिलेगी। विभिन्न अस्पतालों में अनेवालों में से डेंगू 10 प्रतिशत से भी कम मरीज मिले हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अपने आस-पास जलजमाव न होने दें, क्योंकि साफ पानी में ही डेंगू के मच्छर पनपते हैं।

सुशील मोदी के ट्वीट

  • बिहार में 15 साल तक नरसंहारों में किसानों-गरीबों के मारे जाने और चारा घोटाला जैसे भ्रष्टाचारों के बावजूद लालू-राबड़ी राज का समर्थन करने के कारण जो वामपंथी दल जनता का भरोसा खो चुके हैं, वे रैली करके 11 करोड़ लोगों के विकास को समर्पित एनडीए सरकार से कोई मुकाबला नहीं कर सकते। पटना रैली की विफलता से विपक्षी गोलबंदी की हवा निकल गई।
  • लालू प्रसाद के शासनकाल में सत्ता का संरक्षण पाने के लिए वामपंथियों ने हत्या-अपहरण के सैंकड़ों मामलों पर तो चुप्पी साधी ही, प्रखर छात्र नेता कामरेड चंद्रशेखर की हत्या पर भी ठंडा रवैया अपनाया था। सीवान-गोपालगंज में बाहुबलियों से नजदीकी बढ़ाने वाले तेजस्वी यादव ने रैली से दूरी बना कर साफ कर दिया कि राजद के लिए कौन ज्यादा जरूरी है। जो लोग अपने काडर के नहीं हुए, वे जनता का क्या भला करेंगे ?

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