बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बैठक के बाद दी जानकारी
पटना। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व के बाद अब विक्रमशिला व भीमबांध आश्रयणी को इको टूरिज्म के नक्शे पर लाया जा रहा है। 20 नवम्बर को विक्रमशिला गांगेय डॉल्फिन आश्रयणी क्षेत्र में डॉल्फिन व प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए मोटर बोट के परिचालन का शुभारंभ तथा 15 दिसम्बर को भीमबांध आश्रयणी स्थित गर्मजल कुंड में नवनिर्मित पर्यटकीय सुविधाओं का उद्धाटन किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि भीमबांध आश्रयणी स्थित गर्म जल के कुंड को 3.92 करोड़ की लागत से जीर्णोद्धार करने सहित वहां महिलाओं व बच्चों के लिए अलग कुंड, फव्वारें, स्नानागार, शौचालय, पेयजल, दो विश्रामागार व चेंज रूम सहित अन्य पर्यटकीय सुविधाओं को विकसित जा रहा है। कुंड परिसर में इको फ्रेंडली कुर्सियां व सोलर लाइट लगाए जा रहे हैं। गर्म कुड की गहराई 4 फीट 2 इंच तथा बच्चों के कुंड की गहराई 2 फीट तक सीमित रखी गयी है। गर्म कुंड से एक किमी की दूरी पर स्थित गर्म व ठंडे पानी के स्रोत को भी विकसित करने तथा बच्चों के खेलने के लिए पार्क बनाने का निर्देश दिया गया है।
श्री मोदी ने बताया कि विक्रमशिला गांगेय डॉल्फिन आश्रयणी में इको टूरिज्म के अन्तर्गत बरारी घाट से शंकरपुर दियारा तक 24 सीटर बोट से पर्यटकों को 2 घंटे तक नौकायन कराया जायेगा जिस दौरान पर्यटक गंगा में डॉल्फिन की अठखेलियां व प्रवासी पक्षियों का लुत्फ उठा सकेंगे।
धार्मिक आख्यानों में भगवान विष्णु के वाहन के तौर पर चर्चित पक्षी गरूड़ जो विलुप्त होता जा रहा था, को विभाग की ओर से संरक्षित किया गया है, जिसे भागलपुर के जगतपुर दियारा स्थित प्राकृतिक वास में छोड़ा जायेगा। आम लोग और पर्यटक दियारा क्षेत्र का भ्रमण कर गरूड़ को देख सकेंगे। बैठक में विभागीय प्रधान सचिव व प्रधान मुख्य वन संरक्षक सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
सुशील मोदी के ट्वीट
- एनडीए सरकार ने सीबीआई की साख बचाये रखने के लिए त्वरित फैसला करते हुए परस्पर आरोप लगाने वाले दोनों शीर्ष अधिकारियों को छुट्टी पर भेजा। आलोक वर्मा के खिलाफ जांच का आदेश देकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की कार्रवाई को जायज ठहराया। इससे कांग्रेस-राजद को करारा झटका लगा है। जांच एजेंसी की तात्कालिक आंतरिक समस्या पर जो लोग जश्न मना रहे हैं, वे अपने संचित अपराध और घोटालों की सजा पाने से बच नहीं जाएंगे।
- चारा घोटाला में लिप्त लालू प्रसाद ने सीबीआई जांच की आंच से बचने और राबड़ी देवी की अल्पमत सरकार बचाने के लिए जेपी- लोहिया को भूल कर कांग्रेस से हाथ मिला लिया था। मुख्यमंत्री पर बेबुनियाद टिप्पणी करने से पहले तेजस्वी यादव को अपने पिता की कलाबाजियां याद कर लेनी चाहिए। सीबीआई पर बयान देकर न लालू प्रसाद सजायाफ्ता होने से बचे, न बेनामी सम्पत्ति मामले में तेजस्वी यादव ही बच पाएंगे।
- कांग्रेस सरकार ने देश की शीर्ष जांच एजेंसी की ऐसी हालत बना दी थी कि सुप्रीम कोर्ट ने इसे पिंजरे में बंद तोता बताया था। राहुल गांधी ने इसके लिए कभी माफी नहीं मांगी, लेकिन आज उस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, जो सीबीआई की गरिमा बनाये रखने के लिए आधी रात में कड़े निर्णय करती है।
यह भी पढ़ेंः शिविर लगा कर होगी डेंगू मरीजों की मुफ्त जांचः मोदी