कौन कहता कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो!
पटना। कुछ ऐसे जज्बे को ही अपना कर मिसेज इंडिया यूनिवर्स (पेलेटिनम) की विजेता बनी हैं अनीता। वह मूल रूप से बिहार की रहने वाली हैं। 1972 में कानपुर में जन्मीं अनीता के पति पेशे से वकील हैं, बेटा जॉब कर रहा है और बेटी अभी पढ़ाई कर रही है। वह 47वर्ष की हैं। अनीता कहती हैं कि आज वह जो कुछ हैं, उसमें परिवार को बड़ा योगदान है।
एक सफल गृहिणी के रूप में अब तक समय बिताने के बाद उनके दिल में एक कसक थी कुछ ऐसा करने की, जो उनके जैसी अन्य महिलाओं के लिये भी प्रेरणा बने। उनकी इस चाहत को साथ मिला अपने बच्चों का, जिन्होंने अनीता को अहसास दिलाया कि जिंदगी में किसी भी वक्त आप अपने सपनों को पूरा कर सकती हैं।
अनीता ने एक स्कूल में करियर सलाहकार के तौर पर काम करना शुरू किया। एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में हो रही प्रतियोगिता में विजेता बनीं। वहीं उनकी मुलाकात जानी मानी इवेंट प्लानर देवांजनि मित्रा से हुई, जिनसे उन्हें अंतराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली इस प्रतियोगिता की जानकारी मिली और पूरा सहयोग भी मिला।
अनीता गर्व से बताती हैं कि आज वह देश में बिहार का प्रतिनिधित्व कर बहुत खुश हैं और विश्वास रखती हैं कि जल्द ही जब वह दुनिया भर के प्रतियोगियों में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। तब न सिर्फ बिहार और उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरा देश गौरवान्वित महसूस करेगा। इस दिशा प्रयास में वह पूरा प्रयास करेंगी।
अनीता सिंह आज अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को देती हैं। साथ ही साथ करियर के इस पड़ाव पर एक मार्गदर्शक बनी देवांजनि को देती हैं। वह कहती हैं कि आज जब उन्हें जब रोज बड़े ग्लैमरस ऑफर मिलते हैं तो सपनों के सच होने जैसा लगता है।
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