उन्नयन बांका योजना बहुत ही प्रभावी ढंग से काम कर रही है

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नीतीश ने बांका जिले के सोनारी में 25 मेगावाट की क्षमता वाले सोलर प्लांट का जायजा लिया

पटना। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार  ने आज बांका जिले के ककवारा पंचायत के सोनारी गांव में 25 मेगावाट की क्षमता वाले सोलर प्लांट का जायजा लिया। प्लांट भ्रमण के दौरान पॉवर कंपनी अधिकारियों से बिजली उत्पादन को लेकर विस्तार से जानकारी प्राप्त की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ए0सी0एम0आई0 सोलर प्रोजेक्ट, स्कॉडा रुम एवं इन्वर्टर रुम का मुआयना किया। मुख्यमंत्री को सोलर प्लांट पर आधारित एक वीडियो फिल्म दिखायी गयी। मुख्यमंत्री को एग्री बेस्ड सोलर प्रोजेक्ट के बारे में भी पावर कंपनी के अधिकारियों ने विस्तार से बताया। मुख्यमंत्री ने ककवारा स्थित ठाकुर रुद्रेश्वरी प्रसाद हाई स्कूल में उन्नयन के तहत चल रहे उन्नयन शिक्षा कार्यक्रम का भी जायजा लिया।

बांका के जिलाधिकारी श्री कुंदन कुमार ने उन्नयन शिक्षा कार्यक्रम के बारे मुख्यमंत्री को विस्तार से बताया। मुख्यमंत्री ने विद्यालय परिसर में लगे स्टॉल का भी अवलोकन किया। क्लास में अच्छी उपस्थिति और अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को उन्होंने पुरस्कृत भी किया। मुख्यमंत्री ने नेशनल चाइल्ड साइंस कांग्रेस एंड नेशनल स्पोर्ट्स के प्रतिभागी छात्रों से भी बातचीत की। एक छात्रा ने मासिक चक्र के दौरान अंधविश्वास से जुड़ी जानकारियों पर किए गए अपने काम को विस्तार से बताया और स्वच्छता संबंधी जानकारी भी दी। मुख्यमंत्री ने  उन्नयन  स्मार्ट  क्लास रुम  में  बच्चों  के  साथ  बैठकर क्लास में पढ़ाए जाने के तरीके का अवलोकन किया। बच्चों ने मुख्यमंत्री के समक्ष उन्नयन शिक्षा से होने वाले फायदों के बारे में भी अपने अनुभव साझा किये। बच्चों ने मुख्यमंत्री के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं। मुख्यमंत्री ने उन्नयन स्मार्ट क्लास के अवलोकन के पष्चात सुझाव देते हुए कहा कि यह प्रभावकारी तरीका है, इससे ज्ञान और बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण किया, साथ ही कृषि फीडरों के लिए कुछ किसानों को कनेक्शन भी प्रदान किये।

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पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने यहां 25 मेगावाट पावर प्लांट का निरीक्षण किया है। उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में हर घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य हमने हासिल कर लिया है, वो भी समय से पहले। उन्होंने कहा कि मेरा पर्यावरण के प्रति गहरा लगाव है और हम चाहते हैं कि थर्मल पावर जो अक्षय ऊर्जा नहीं है, उसकी जगह वैकल्पिक ऊर्जा यानी सौर ऊर्जा का इस्तेमाल हो। पूरी धरती से यदि कोयला समाप्त हो जाएगा तो थर्मल पावर कैसे चलेंगे। ऐसी स्थिति में यदि कोई अक्षय ऊर्जा है तो वो सौर ऊर्जा ही है। सूर्य के ऊपर ही सब कुछ निर्भर है। हम चाहते हैं कि सोलर प्लांट को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में हमने निर्णय लिया और वर्ष 2016 से इसे शुरु कर दिया गया। इसके साथ ही कई दूसरी जगहों पर भी सोलर प्लांट लगाये जायेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यहां बड़ी संख्या में तालाब हैं और इसमें बड़े पैमाने पर मछलियों का उत्पादन हो रहा है, इसके लिए हमलोगों ने सुविधाएं प्रदान की है। उन्होंने कहा कि पहले बाहर से मछलियां लायी जाती थीं, लेकिन अब इनके उत्पादन बढ़ने से उत्पादकों को अच्छी आमदनी भी हो रही है। उन्होंने कहा कि आज से 5-6 साल पहले मेरे मन में ये ख्याल आया कि तालाबों के नीचे मछली और ऊपर बिजली के लिए सोलर प्लांट लगा दिये जायें तो कितना अच्छा होगा। इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं। एक दो जगहों पर हमलोगों ने इसका प्रयोग भी किया है। मैने यहां भी कहा है कि आप पांच एकड़ के तालाब में एक मेगावाट की क्षमता वाले सौर ऊर्जा प्लांट का निर्माण कर सकते हैं। सौर ऊर्जा की तकनीक पहले बहुत महंगी थी लेकिन पिछले कुछ समय से इनकी कीमतें कम हुयी हैं।

उन्होंने कहा कि इस योजना को देखने के लिए पूर्व में तत्कालीन मुख्य सचिव जो अभी हमारे परामर्शी हैं, वे भी यहां आये थे। उन्होंने कहा कि उन्नयन बांका योजना बहुत ही प्रभावी ढंग से काम कर रही है। इस तरह का उन्नयन कार्यक्रम अन्य जिलों में भी शुरु किया जाएगा।  अभी वे 9वीं एवं 10वीं कक्षा के छात्रों के लिये 40 मिनट का कोर्स बनाये हैं और पढ़ा रहे हैं। पढ़ाने का यह तकनीक असरदार है और इससे नई पीढ़ी के बच्चे बहुत गहराई से किसी भी चीज को जान सकेंगे। बुनियादी तौर पर बच्चे अगर पूरी गहराई से जान लेंगे, समझ लेंगे तो आप कल्पना नहीं कर सकते कि शिक्षा का कितना व्यापक असर होगा और उनका जीवन कितना बेहतर होगा। उनके लिए रोजगार की अपार संभावनाएं होंगी। हमने इसको विस्तारित करने का सुझाव दिया है। एक साल तक पूरे बांका में इसको अच्छे ढंग से किया जाए तो बांका ज्ञान की भूमि हो जायेगी। उन्होंने इसके विस्तार की जरुरत बतायी ताकि अन्य जगहों पर भी बच्चे इसका फायदा उठा सकें।

मुख्यमंत्री ने बापू का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि ये धरती इन्सान की जरूरत को पूरा करने में सक्षम है, लालच को पूरा करने में नहीं। बापू द्वारा बताये गये सात सामाजिक पापों को भी हर जगह लिखवा  रहे हैं। बच्चे इसे पढ़ेंगे, जानेंगे तो उनका दिमाग और विकसित होगा। अगर 10 प्रतिशत नई पीढ़ी के लोगों पर भी इसका असर हो गया और उनके द्वारा इसे स्वीकार कर लिया गया तो समझिए समाज बदल जाएगा। समाज में झगड़े एवं टकराव के वातावरण से छुटकारा मिलेगा। इसमें ऐसी शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि जो समाज सुधार की बाते हैं, उसको बच्चे आत्मसात करें। चाहे राजनीति हो, धन अर्जन हो, पूजा पाठ या विज्ञान हो, हर चीज के बारे में गांधी जी ने कहा है।

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