रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में निर्धारित नियमों का अनुपालन न करने वाले और फर्जी कागजात के आधार पर सरकारी अनुदान लेने वाले सभी संबद्ध कॉलेजों की जांच कर उनकी संबद्धता रद्द करने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह निर्देश आज सूचना भवन में जनसंवाद केंद्र में दर्ज आयोजित सीधी बात कार्यक्रम के दौरान दिया। बोकारो के अभिषेक प्रियांशु द्वारा सीएम जनसंवाद में फरवरी 2011 में अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं दिये जाने की शिकायत की। इस पर तुरंत कार्रवाई का सीए ने निर्देश दिया।
साहिबगंज जिले के आशीष कुमार ने यह शिकायत दर्ज करायी थी कि बोरियो प्रखंड के एक जनजाति इंटर सह डिग्री कॉलेज में शिक्षा विभाग द्वारा तय किये गये मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को आदेश दिया कि राज्य में ऐसे सभी कॉलेजों से जुड़े मामलों की जांच कर तत्काल कार्रवाई करें। ऐसे कॉलेज छात्रों का भविष्य चौपट कर रहे हैं। यह धंधा तुरंत बंद करने की जरूरत है।
बोकारो के अभिषेक प्रियांशु द्वारा सीएम जनसंवाद में फरवरी 2011 में अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं दिये जाने की शिकायत पर इस संबंध में पूछे जाने पर विभाग की ओर से बताया गया कि समय सीमा के भीतर आवेदन नहीं देने के कारण इस पर कार्रवाई नहीं हुई। सीधी बात के दौरान सीएम के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल ने कहा कि यदि आवेदक ने काल बाधित होने से पूर्व अनुकंपा पर नौकरी के लिए आवेदन दिया है और विभागीय प्रक्रिया में देरी की वजह से समय पर नौकरी नहीं दी गई तो, इसमें आवेदक की क्या गलती है? सीएम ने इस मामले में नियमसम्मत कार्रवाई का निर्देश दिया।
गुमला में लघु सिंचाई प्रमंडल में कोष रक्षक के पद पर कार्यरत दुलार सिंह की कार्यकाल के दौरान 01 नवम्बर 2002 को मृत्यु के उपरांत इनकी आश्रित पुत्री अनु कुमारी ने अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए आवेदन दिया था। चूंकि उस समय अनु कुमारी बालिग नहीं थी, इसलिए विभाग ने 18 वर्ष पूर्ण होने पर पुनः आवेदन देने का परामर्श दिया। आवेदिका ने बालिग होने पर 15 जुलाई 2012 को पुनः आवेदन दिया, लेकिन इनके आवेदन को कालबाधित मानते हुए उपायुक्त कार्यालय ने अक्टूबर 2016 को अस्वीकृत कर दिया था। इस पर मुख्यमंत्री ने उपायुक्त, गुमला को आवेदिका को जिला स्तर पर किसी विभाग में नियुक्त करने का निर्देश दिया।
रांची जिले में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के रहने के लिए बने लगभग 450 कमरों के वाल्मीकि भवन में शौचालय की समस्या पर मुख्यमंत्री ने इस संबंध में नगर निगम के आयुक्त को वहां के सभी शौचालयों की मरम्मत कराने का निर्देश दिया। गिरिडीह की सुनीता देवी ने जनसंवाद में शिकायत दर्ज करायी थी कि प्राथमिक स्वास्थ्य उप-केंद्र, लक्ष्मण टुंडा एएनएम के अभाव के कारण बंद है। इस संबंध में पूछे जाने पर गिरिडीह के उपायुक्त ने बताया कि एएनएम की नियुक्ति के लिए जिला स्तर पर वैकेंसी निकाली गयी है। इस पर सीएम ने सभी जिलों के उपायुक्तों को आदेश दिया कि जिला स्तर पर एएनएम के रिक्त पदों पर 15 जनवरी तक नियुक्ति करायी जाए।
सुनीता देवी ने डुमरी प्रखण्ड के सीओ जगदीश कुमार पांडे के खिलाफ अवैध वसूली का भी आरोप लगाया। उनके खिलाफ पहले भी इस तरह की कई शिकायतें मिली थीं। सीएम ने मौके पर आरोपी सीओ की संपत्ति की जांच करने और उन्हें निलंबित करने का आदेश दिया। सीएम ने इस तरह के मामलों पर कार्रवाई के लिए एक चिट्ठी निकाल कर सभी डिवीज़नल कमिश्नर को अपने क्षेत्र में समय-समय पर औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया।
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गढ़वा जिले के 25 बाल श्रमिक विद्यालयों के कुल 108 शिक्षकों को 23 माह का मानदेय भुगतान लंबित रहने की शिकायत पर गढ़वा के उपायुक्त ने बताया कि केंद्र से फंड नहीं मिलने के कारण भुगतान नहीं किया जा सका है। इस पर मुख्यमंत्री ने डीसी को ऐसे सभी विद्यालयों का आकलन करने का निर्देश दिया, ताकि ऐसे विद्यालयों का सर्वशिक्षा अभियान के तहत चलाये जा रहे विद्यालयों के साथ विलय किया जा सके। साथ ही उन्होंने इस मामले में अपने प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल को केंद्र के श्रम विभाग सचिव से परामर्श करने का भी निर्देश दिया।
ठेठईटांगर पंचायत के ग्रामीणों से किया सीधा संवाद
सीधी बात के दौरान सीएम रघुवर दास ने सिमडेगा के केरिया प्रखण्ड की ठेठईटांगर पंचायत के ग्रामीणों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीधा संवाद किया। इस दौरान सुदर्शन गिरि ने मुख्यमंत्री को बताया कि जुलाई 2015 में केरसई प्रखंड में अतिवृष्टि होने के कारण 95 किसानों की फसल बर्बाद हो गयी थी। 3 साल बीत जाने के बाद भी किसानों को अब तक मुआवजा नहीं दिया गया है। इस बाबत पूछे जाने पर कार्यक्रम में मौजूद गृह सचिव ने जानकारी दी कि क्षतिपूर्ति का आकलन कर कुल राशि उपलब्ध करा दी गयी है। इस पर मुख्यमंत्री श्री दास ने उपायुक्त, सिमडेगा को इस माह के 30 दिसंबर 2018 को उक्त प्रखण्ड में कैंप लगाकर सभी किसानों का भुगतान सुनिश्चित कराने का आदेश दिया।
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