- रविशंकर रवि
गुवाहाटी। असम में रहने वाले बाहरी समय के एक बहुत ही महत्वपूर्ण पड़ाव पर हैं। एनआरसी में जिन लोगों के नाम आने से छूट गए हैं, वह एक बहुत ही गंभीर बात है। यदि अंत तक किसी व्यक्ति का नाम एनआरसी में नहीं आ पाया तो वह स्टेटलेस हो जाएगा और इसके बहुत ही गंभीर परिणाम होंगे। वह चाहे किसी भी राज्य में रहे, उसके सारे नागरिक अधिकार छिन जाएंगे या फिर कोर्ट-कचहरियों के चक्कर में उसकी जिंदगी व्यतीत होगी।
ऐसे लोगों को एक मौका मिला है। सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के अनुसार असम के बाहर से यहां आकर बसे लोगों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। ऐसे लोगों के पास सही-सही सारे दस्तावेज न होने पर भी उनकी उपाधि और उनके मूल राज्य के आधार पर ही उनके नाम एनआरसी में शामिल कर लिए जाएंगे। इसके लिए 15 दिसंबर तक एनआरसी सेवा केंद्र में जाकर दावा प्रपत्र भरना होगा। यदि किसी ने दावा प्रपत्र नहीं भरा तो यह मान लिया जाएगा कि वह भारतीय नागरिक नहीं है और फिर उसके लिए मुश्किलों को पहाड़ खड़ा हो जाएगा।
आगे की मुसीबतों से बचने का मौका सिर्फ 15 दिसंबर तक है। असम में बसे देश के दूसरे राज्यों के लोग, जिनका नाम एनआरसी में छूट गया है, वे दावा प्रपत्र भर दें। अपने जो भी नाते-रिश्तेदार हैं उनकी खबर लें कि उनका नाम एनआरसी में आया है या नहीं। जिनके पास कोई दस्तावेज नहीं है तो कोई बात नहीं। एक सादे कागज पर अपने परिवार का इतिहास चार-पांच पंक्तियों में लिख दें कि आपका परिवार असम में कब आया था।
अवसर हाथ से निकल न जाये, इसलिए आप अपने सारे काम बाद में करें, पहले जल्द से जल्द दावा प्रपत्र भरें। 15 दिसंबर की तारीख न तो आगे बढ़ेगी और न जिनके नाम छूट गए हैं, उन्हें अपनी नागरिकता सिद्ध करने का आगे कोई मौका ही मिलेगा। ऐसे लोगों के बायो मेट्रिक्स ले लिए जाएंगे और उनके ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि एक के बाद एक निरस्त हो जाएंगे। कानून के लंबे हाथों से डरिए।
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यदि कोई अधिकारी प्रपत्र नहीं लेता है तो उस अधिकारी का नाम सिटीजन्स एनआरसी हेल्प सेंटर के प्रमोद तिवाड़ी को 7637003111 नंबर पर फोन कर बताएं। वे उच्चाधिकारी को शिकायत करेंगे।
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