पटना। आटीआई परीक्षा रद्द होने से आज राज्यभर में छात्रों ने अपने-अपने अंदाज में आक्रोश जताया। कहीं सड़क जाम की गयी तो कहीं तोड़फोड़ भी हुई। कुछ जगहों पर पुलिस ने बल प्रयोग भी किया। छपरा, वैशाली, नवादा में छात्रों ने जम कर उत्पाद मचाया। इधर श्रम मंत्री ने कहा है कुछ निजी संस्थानों ने छात्रों को उकसाया। वैसे संस्थान, जिनके संचालकों द्वारा उकसाया और बहकाया गया, उन्हें चिह्नित कर कार्वाई की जाएगी।
परीक्षा न होने से नाराज होने से छात्रों ने राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या- 131 को सोमवार की दोपहर नवादा नगर थाने के आईटीआई के पास जाम कर यातायात बाधित कर दिया। उग्र छात्रों ने क्यूल-गया रेलखंड को नवादा स्टेशन के निकट जाम कर रेल को भी रोका। प्रशासनिक अधिकारियों के भारी मशक्कत के बाद घंटों बाद सड़क जाम हटाया गया। सैकड़ों यात्रियों को जाम के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
आईटीआई के हजारों छात्रों ने परीक्षा रद्द होने को सरकार की गलत मंशा करार देते हुए सड़कों पर आग जलाकर यातायात बाधित किया। दर्जनों वाहनों के शीशे तोड़ दिए गए। आईटीआई कॉलेज में भी घुस कर तोड़फोड़ मचाई। उग्र छात्रों ने कई वाहनों को आग के हवाले करने का भी प्रयास किया। प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने-बुझाने के बाद स्थिति नियंत्रित हुई। आईटीआई छात्रों का कहना है कि सरकार पूर्व में भी परीक्षा रद्द कर चुकी है। आज सोमवार को भी हम सबों की परीक्षा थी, लेकिन केंद्र पर पहुंचने के बाद परीक्षा रद्द होने की बात बतायी गयी। सरकार अगर परीक्षा लेने में अपने को इतना अक्षम पा रही है तो इस कदर कॉलेज में पढ़ाई की व्यवस्था करने से क्या फायदा। देर से परीक्षा देने के कारण हम आईटीआई छात्रों को नौकरी मिलने में मुश्किल होगी। छात्रों ने कहा कि अगर 5 दिनों के भीतर परीक्षा लेने की व्यवस्था नहीं की गई तो उग्र आंदोलन कर सरकारी संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया जाएगा।
इधर बिहार के श्रम मंत्री ने कहा कि बिहार के कुछ परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित अखिल भारतीय व्यावसायिक परीक्षा जुलाई 2018 में सैद्धांतिक विषयों के प्रश्नपत्रों के परीक्षा पूर्व लीक होने एवं परीक्षा केन्द्रों पर वृहत पैमाने पर कदाचार के कारण कुल 5 सैद्धांतिक विषयों की परीक्षा को डी.जी.ई.टी., भारत सरकार द्वारा रद्द कर दी गयी थी। उन सभी विषयों की पुनर्परीक्षा कराने हेतु भारत सरकार द्वारा 23.10.2018 से 25.10.2018 तक तिथि का निर्धारण किया गया था। उक्त निर्धारित तिथि को बिहार के 35 जिलों में (मधेपुरा, खगड़िया एवं शिवहर को छोड़कर) कुल 218 परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा प्रारंभ की गई है।
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परीक्षा के दौरान अधिकतर परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा का संचालन स्वच्छ एवं शांतिपूर्ण वातावरण में संचालित किया जा रहा है। कुछ जिलों से निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के संचालकों एवं उनके बहकावे में आकर कुछ छात्रों द्वारा परीक्षा बहिष्कार एवं धरना-प्रदर्शन हेतु प्रेरित किये जाने की शिकायत प्राप्त हो रही है, जो स्वस्थ परंपरा नहीं है। वैसे संस्थान जिनके संचालकों द्वारा परीक्षा संचालन में सकारात्मक भाव रखते हुए परीक्षा में भाग लिया जा रहा है एवं शांतिपूर्ण परीक्षा संचालन में सरकार को सहयोग किया जा रहा है, उन संस्थानों को प्रोत्साहित किया जायेगा। साथ ही
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उन्होंने कहा कि सरकार संस्थानों के विरूद्ध प्रोत्साहन एवं हतोत्साहन के तहत कारवाई करेगी। किसी भी स्थिति में दोषी व्यक्ति को बख्शा नहीं जायेगा। श्रम संसाधन विभाग अन्तर्गत कुछ पदाधिकारी/कर्मियों द्वारा अपने सगे-संबंधियों के संस्थानों एवं निहित स्वार्थ के कारण सरकार के विरूद्ध षड़यंत्र के तहत परीक्षा संचालन में बाधा उत्पन्न करने का प्रयास कराया जा रहा है। ऐसे पदाधिकारियों को पूर्व में भी चिन्हित कर कारवाई की गई है। यदि वर्तमान में किसी पदाधिकारी की संलिप्ता उजागर होती है तो उनके विरूद्ध कारवाई की जायेगी।
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उन्होंने कहा कि परीक्षार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए सैद्धांतिक विषयों की पुनर्परीक्षा ली जा रही है। ऐसे में परीक्षा में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थी असामाजिक तत्वों के बहकावें में न आयें एवं अपने उज्जवल भविष्य हेतु पुनर्परीक्षा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें, ताकि उनका समय/ सेशन व्यर्थ नहीं हो।
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