मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा
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12 जनवरी तक 1 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार का मौका
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10 हजार शिक्षकों को राज्य स्थापना दिवस पर नियुक्ति पत्र
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बाल मित्र संयोजकों को सरकार देगी 500 रुपये प्रोत्साहन राशि
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नारी शक्ति का सम्मान करें, समृद्धि अपने आप आएगी
कोडरमा। झारखंड केमुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य के युवाओं और युवतियों को सरकार हुनरमंद बनाना चाहती है। कौशल विकास के माध्यम से यह कार्य सुनिश्चित किया जा रहा है। 12 जनवरी तक सरकार 1 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करेगी। 34 हजार को पूर्व में रोजगार से आच्छादित किया जा चुका है। 10 हजार शिक्षकों का चयन किया गया है, जिन्हें 15 नवंबर को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। राज्य गठन के उपरांत 14 साल में 38 हजार स्कूलों में से मात्र 7 हजार में बेंच डेस्क की व्यवस्था थी। वर्तमान सरकार ने पूरे 38 हजार स्कूलों में बेंच डेस्क की व्यवस्था कर दी है। सभी स्कूलों को बिजली से आच्छादित किया गया है। उन्होंने कहा कि बाल श्रम का उन्मूलन हो, यह हमेशा से मेरा लक्ष्य रहा है। जब श्रम मंत्री के रूप में मुझे कार्य करने का अवसर मिला तो मैंने खुद कई जगह छापेमारी कर बाल श्रमिकों को मुक्त कराया था। बाल श्रम उन्मूलन हेतु राज्य सरकार ने कानून बनाया है। इस दिशा में कार्य भी होते हैं, लेकिन बाल श्रम का सबसे बड़ा कारण गरीबी है। गरीबी के उन्मूलन साथ ही बाल श्रम का भी उन्मूलन हो जाएगा। यही वजह है कि राज्य सरकार गरीबी दूर करने हेतु प्रयासरत है और काफी हद तक इसमें हमें सफलता भी प्राप्त हो रही है। हम गरीबी उन्मूलन के संकल्प के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। हम ऐसा राज्य चाहते हैं, जहां कोई बच्चा अशिक्षित न रहे। हर बच्चे को पोषाहार मिले। उपरोक्त बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहीं। श्री दास कोडरमा में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन द्वारा आयोजित अभ्रक क्षेत्रों को बाल श्रम मुक्त बनाने के प्रयास कार्यक्रम में बोल रहे थे। श्री दास ने कहा कि बाल श्रम और मानव तस्करी तभी रुकेगी, जब समाज भी संवेदनशील होकर प्रयास करे। जनजातीय क्षेत्र में यह समस्या अधिक है, इसलिए सरकार का ध्यान इन क्षेत्रों में अधिक है।
पूरे राज्य में बाल पंचायत समिति का गठन हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैलाश सत्यार्थी जी, आप पूरे राज्य में बाल पंचायत समिति का गठन करें। राज्य सरकार आपके साथ है। बाल श्रम में रोक लगे, यह हमारी भी मंशा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बाल मित्र संयोजकों को 500 रुपये प्रोत्साहन के तौर पर देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की बच्चियों को रोजगार दिलाने के नाम पर प्लेसमेंट एजेंसी के लोग उनका मानसिक और शारीरिक शोषण करते हैं। यह सब उन्हें राज्य से बाहर ले जाकर किया जा रहा है। इन कार्यों पर रोक लगे, उस हेतु पार्लियामेंट में बिल पेश हो चुका है। मुख्यमंत्री ने राज्य के श्रम विभाग को निदेश दिया कि ऐसे सेल का गठन करें, जो राज्य से बाहर श्रमिकों को ले जा रही एजेंसी का पूरा विवरण दर्ज कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल मजदूरी और बच्चे-बच्चियों के काम हेतु पलायन के कलंक को झारखण्ड मिटा कर रहेगा।
बेटा हो या बेटी ये हमारे लिए अनमोल हैं
श्री रघुवर दास ने कहा कि हर बच्चे को उसका संवैधानिक अधिकार प्राप्त हो, इस दिशा में सरकार कार्य कर रही है। अभिभावक भी इस बात का ख्याल रखें कि बेटा या बेटी दोनों को समान दृष्टि से देखें। बेटी को जरूर पढ़ायें। प्रधानमंत्री जी ने नारा दिया है- बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ। राज्य सरकार ने इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए नारा दिया- पहले पढ़ाई, फिर विदाई। क्योंकि जितना अधिक बेटी पढ़ेगी, देश उतना ही विकास करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्व, त्योहार व अन्य दिनों में हम नारी शक्ति की पूजा करते हैं, उनके सम्मान में शीश नवाते हैं। इसलिए नारी सशक्तीकरण बेहद जरूरी है। सृष्टि की जननी का सम्मान सभी को करना चाहिए। बेटी ही या बेटा, दोनों ही हमारे धन हैं। अगर एक बेटी पढ़ती है तो उसमें दो परिवारों में संस्कार का संचार करने की काबलियत होती है।
मुख्यमंत्री की भावना को नमनः सत्यार्थी
नॉबेल पुरस्कार से सम्मानित श्री कैलाश सत्यार्थी ने इस अवसर पर कहा कि झारखण्ड को एक ऐसा मुख्यमंत्री प्राप्त हुआ है, जो बाल श्रम उन्मूलन को लेकर काफी गंभीर हैं। इनकी कार्यप्रणाली से 1 दिन ऐसा आएगा, जब झारखंड बाल श्रम से मुक्त होगा। मुख्यमंत्री जी की इस संवेदना और उनकी भावना को मेरा नमन। भगवान बिरसा की भूमि पर आकर गौरवान्वित हूं। अपने नोबेल शांति पुरस्कार के बाद पहली बार कोडरमा आया हूं। कोडरमा की मिट्टी-कीचड़ में मैंने समय बिताया है। उसकी ताकत थी, जो नोबेल पुरस्कार के मेडल के रूप में लौटी। यह सोने का मेडल आपका है, पूरे झारखंड का है। श्री सत्यार्थी ने कहा कि जब तक गांव के बच्चे को शिक्षा, आजादी से आगे पढ़ने और पेट भर जीवन जीने का अधिकार नहीं मिल जाता, तब तक हमारा यह संघर्ष जारी रहेगा।
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