अवैध शराब का धंधा करने वालों को सलाखों के पीछे भेजेंः रघुवर

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समीक्षा बैठक करते झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास
समीक्षा बैठक करते झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास

रांची। अवैध शराब का धंधा करने वालों को सलाखों के पीछे भेजें। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार छोटे-बड़े सभी ईमानदार व्यवसायियों के साथ है। लैपटॉप पर फर्जी कंपनी बना कर देश को धोखा देने वालों के विरुद्ध छापेमारी होगी और कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी। अवैध शराब का कारोबार करने वाले को भी छोड़ें नहीं, उन्हें हर हाल में सलाखों के पीछे भेजें। जिस जिले में, जिस थाना क्षेत्र में अवैध शराब की भट्ठी और कारोबार पाया गया तो वहां के थाना प्रभारी, डीएसपी और एसपी नपेंगे। स्थिर सरकार से लोगों की आय और क्रय शक्ति बढ़ी है। गांव-गांव में वाहन बढ़े हैं। सरकार ग्रामीण बस सेवा जल्द शुरू करेगी। आदिवासी और पिछड़े हुए ग्रामीण इलाकों पर विशेष ध्यान रहेगा। मुख्यमंत्री ने वाणिज्य-कर विभाग, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग तथा परिवहन विभाग के कार्य प्रगति की समीक्षा करते हुए यह बातें कहीं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही राज्य के दुमका और बोकारो से हवाई यात्रा शुरू हो जाएगी। दुमका में कमर्शियल पायलट ट्रेनिंग सेंटर तैयार हो गया है, जल्द ही प्रशिक्षण शुरू होगा।

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वाणिज्य कर विभाग में निबंधन, कर भुगतान, रिटर्न्स फाइल एवं कर वापसी के लिए पूरी तरह ऑनलाइन व्यवस्था की गई है। छोटे व्यवसायियों को राहत देते हुए कंपोजीशन स्कीम की सीमा को 1 करोड़ रुपए वार्षिक से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपए कर दिया गया है। जीएसटी के अंतर्गत निबंधन के लिए वार्षिक टर्नओवर की सीमा 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी गई है।  पिछले दिनों आम जनता को महंगाई से राहत के उद्देश्य से राज्य सरकार ने पहले ही पेट्रोल एवं डीजल पर प्रति लीटर  2.50 रुपए की छूट दी है। राज्य के भीतर मालों के परिवहन के लिए e-way bill के लिए Consignment Value को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है।

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बांध बना कर वर्षा जल को रोकने की योजना बनायें

पेयजल स्वच्छता और जल संसाधन विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि 30 सितंबर तक सभी आदिम जनजाति टोलों में पाइप लाइन से पानी पहुंचाने का कार्य पूरा करें। 6,676 जनजाति बहुल टोलों में पाइप लाइन से पेय जल कार्य प्रगति पर है। 75% जनजातीय टोलों में 15 अक्टूबर तक कार्य पूरा करें। नदियों पर वीयर योजना के तहत 6 से 10 फीट के बांध बनाकर वर्षा के जल को रोकने की योजना बनाएं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में झारखंड में पेयजल एक चुनौती थी। अलग राज्य बनने के बाद 14 सालों में अपेक्षित प्रगति नहीं हुई थी। 2015 के शुरू में महज 12% आबादी तक पेयजल की सुविधा थी, जो साढ़े 4 साल में बढ़ कर कर 34.77% हो गई। 2015 से पहले किसी आदिम जनजाति टोलों के लिए पेयजल कार्यक्रम नहीं था। 2015 के बाद योजनाएं बनीं और काम शुरू हुआ। 2,251 आदिम जनजातीय दोनों में पेयजल पहुंचाने का कार्य शुरू हुआ है। 162 टोलों में कार्य पूरा हो गया है तथा 30 सितंबर तक सभी आदिम जनजाति टोलों में पाइप लाइन से जल जाए यह सुनिश्चित करें।

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इसी तरह राज्य गठन के 14 साल बाद पहली बार मुख्यमंत्री जन जल योजना के तहत आदिवासी बहुल 11,124 टोलों के लिए पेयजल का अभियान शुरू हुआ है। इनमें 6676 टोलों में कार्य शुरू हो गया है। 15 अक्टूबर तक 75 % लगभग 5000 से अधिक टोलों में पाइप लाइन से पेयजल पहुंच जाए यह सुनिश्चित करें। गैर जनजातीय आबादी के 28469 गांव में पाइप लाइन से जल पहुंचाने का कार्य डीएमएफटी, 14वें वित्त आयोग के फंड, आकांक्षी जिलों के लिए प्राप्त आवंटन, विधायक निधि से कार्य हो रहा है। इसकी लगातार मोनिटरिंग होनी चाहिए।

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