आर्टिस्टिक फैशन वीक में बिहारी डिजाइनर कपड़ों की मचेगी धूम

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पटना। बिहार हमेशा से कुछ नया, कुछ उम्दा और कुछ अलग करने के लिए जाना जाता है। बिहार की कला-संस्कृति जितनी समृद्ध है, उतने ही होनहार हैं यहाँ के कलाकार और इसी कला और कलाकारों को एक अलग पहचान दिलवाने के लिए बिहार के कुछ युवाओं ने मिल कर शुरू की है एक मुहिम। नेशन आर्ट अपने सहयोगी ईडब्लूबी मॉडल फैक्ट्री के साथ मिल कर विश्वस्तरीय प्रारूप तैयार कर रही है, जिसको उन्होंने आर्टिस्टिक फैशन वीक का नाम दिया है। इडब्लूबी एक फैशन और मॉडलिंग इंस्टिट्यूट है, जिसके फाउंडर हैं पंकज तिवारी और एमडी हैं तनु। बिहार में यह अपने तरह का पहला इंस्टिट्यूट है। यहाँ मॉडल्स को ग्रूमिंग दी जाती है, जिसमें उन्हें पर्सनालिटी डेवलपमेंट, वॉक, ऑडिशन टिप्स इत्यादि के बारे में बताया जाएगा। यह इंस्टिट्यूट पैन इंडिया तक प्लेसमेंट डिग्री के साथ साथ फैशन शो, डिजाइनर शूट, रनवे इत्यादि मैनेज करेगी।

अभी तक जितने भी फैशन शो होते आए हैं, इनमें मुख्यतः फैशन डिजाइनर के कॉन्सेप्ट को ही दिखाने की कोशिश की जाती है। आर्टिस्टिक फैशन वीक पहला ऐसा फैशन शो होगा, जहाँ फाइन आर्ट्स के साथ उसके डिजाइनर की भी अहम भूमिका होगी।

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फाइन आर्ट्स के प्रारूप को आधुनिकता प्रदान करने  के लिए इसे कपड़ों का रूप दिया जा रहा है। लोग इस पर ब्लॉक प्रिंटिंग का काम देख सकते हैं। इसके साथ ही गारमेंट के हिसाब से उस पर डिजाइनिंग की गई है।

इस फैशन वीक का हिस्सा बन कर आम लोग भी बिहार की ऐतिहासिक कला से समृद्ध विरासत को एक कलाकार के नज़रिये से महसूस कर पाएंगे। साथ ही इस पहल से बिहार के समस्त लोककलाओं को एक विश्वव्यापी पहचान भी मिलेगी और यहाँ के स्थानीय कलाकारों के जीवन में समृद्धि आएगी।

नेशन आर्ट की टीम का कहना है कि वे कलाकारों के लिए ट्रेनिंग कैम्प का आयोजन करवाएंगे और साथ ही उनके बनाए हुए उत्पादों को विश्व स्तर पर एक बाज़ार मुहैया करवाएंगे, जिसका कलाकारों को सीधा लाभ प्राप्त होगा।

इन उत्पादों में खादी, तसर सिल्क इत्यादि का पूरा उपयोग होगा। इन कपड़ों पर मधुबनी पेंटिंग, मंजूषा कला इत्यादि को आधुनिक फैशन में ढाल कर जन-जन तक पहुँचाया जाएगा।

डीके फ़िल्म के डायरेक्टर धनशील कुमार का नेशन आर्ट के इस कांसेप्ट को एक शार्ट फ़िल्म के रूप में उतारने में एक महत्वपूर्ण योगदान रहा।

फैशन डिजाइनर  राजीव रॉय का कहना है की गौतम बुद्ध की धरती बिहार पर जन्म लेना उनके लिए गर्व की बात है। वे आगे कहते हैं कि जबसे डिजाइन पढ़ना शुरू किया है, तबसे मैंने बिहारी कला मधुबनी पेंटिंग के साथ-साथ बुद्धिज़्म को भी आधुनिकता देने की कोशिश कर रहा हूँ और अपने बिहार की कला को वैश्विक पहचान दिलवाना मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।

वहीँ क्रिएटिव आर्ट डायरेक्टर धर्मेन्द्र कुमार का कहना है की नेशन आर्ट के सहयोग से कलाकारों की पहुँच जन-जन तक जाएगी। दैनिक जीवन में कला की उपयोगिता बढ़ेगी और कलाकार आर्थिक रूप से सशक्त होंगे।

इसके साथ ही फैशन मॉडल पंकज तिवारी और तनु  का कहना है की नेशन आर्ट की ये मुहिम मॉडल को विश्वव्यापी पहचान दिलवाएगी और मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि मै इसका हिस्सा हूँ। फैशन फोटोग्राफर सुमित सिंह का कहना है की अपने कैमरे में आधुनिकता के साथ साथ फैशन और फाइन आर्ट के इस सोच को  डिजिटल दुनिया में सजाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।

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