पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि चुनाव आयोग ने सबकी सुविधा और सबकी हिफाजत का पूरा खयाल रखते हुए निष्पक्ष चुनाव क़े लिए व्यापक बंदोबस्त किये, लेकिन कांग्रेस और उसके समर्थक रमजान का मुद्दा उठा कर एक वर्ग की हमदर्दी पाने की कोशिश कर रहे हैं। जो लोग साम्प्रदायिकता से लड़ने का दिखावा करते हैं, वही वोट के लिए धार्मिक भावनाएं भड़काने के नए-नए बहाने खोजते हैं।
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उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि कांग्रेस बताये कि संसदीय चुनाव के दौरान अगर रमजान पड़ेगा, तो क्या चैती नवरात्र, रामनवमी और होली जैसे बड़े त्योहार नहीं पड़ेंगे? क्या रोजा रखने वाले लोग मेहनत-मजदूरी, नौकरी-रोजगार और रोजमर्रा के काम महीने भर बंद कर देते हैं? उन्होंने पूछा कि यूपी के कैराना में जब रमजान के दौरान संसदीय उपचुनाव हुए, तो भाजपा पराजित हुई थी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि हर बात को साम्प्रदायिक रंग देने वाले ही आतंकी अजहर मसूद का मजहब देख कर उसे अजहर जी कह रहे हैं।
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श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस और कथित महागठबंधन के लोगों ने ईवीएम पर सवाल उठाये, लेकिन ईवीएम से छेड़छाड़ की चुनौती स्वीकार नहीं की। चुनाव की तारीखों को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई। केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के फैसले पर संदेह किया गया। सुप्रीम कोर्ट पर दबाव बनाने के लिए मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग लाने की कोशिश की गई। राफेल विमान सौदे पर क्लीनचिट के बावजूद पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की गईं।
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जो लोग चुनाव आयोग, सीवीसी और सुप्रीम कोर्ट जैसी संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता पर वार करते हैं, वे किस मुंह से संविधान की दुहाई देते हैं? देश आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुरक्षित हाथों में है, जबकि आपातकाल लगाने वाले और100 बार धारा 356 का दुरुपयोग कर राष्ट्रपति शासन थोपने वाले लोग संविधान-रक्षक का मुखौटा पहनकर वोट मांग रहे हैं।
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