Sarthak Samay
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सुरेंद्र किशोर
नेहरू ने मेनन को चुनाव जितवाने के लिए दिलीप कुमार की मदद ली थी। हिन्दी सिनेमा के पहले महानायक दिलीप कुमार का निधन हो गया है। यह संस्मरण उन्हें श्रद्धांजलि है।
‘मैंने पहली बार 1962 में लोकसभा चुनाव में किसी उम्मीदवार के लिए प्रचार किया था। पण्डित जवाहरलाल नेहरू ने मुझे खुद फोन करके कहा था कि क्या मैं...
ध्रुव गुप्त
हिन्दी सिनेमा के पहले महानायक दिलीप कुमार का 98 साल की उम्र में आज अंततः इंतकाल हो गया। पिछले कुछ सालों से वे अस्वस्थ चल रहे थे। उनकी याददाश्त भी बहुत हद तक चली गई थी। उनके जाने के साथ हिंदी सिनेमा के सुनहरे दौर की आखिरी कड़ी भी टूट गई।
पिछली सदी के चौथे दशक में दिलीप...
इमरजेंसी के दौरान बड़े नेताओं, साहित्यकारों, पत्रकारों को जेलों में ठूंस दिया गया। उन्हें कई तरह की शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी गयीं। यह उनकी डायरियों में दर्ज है। इमरजेंसी में जेलों में बंद नेताओं की डायरी के हवाले से इसे विस्तार से बताया है राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने।
हरिवंश
लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेता इमरजेंसी के दौरान 19...
हरिवंश
इमरजेंसी के दौर को समझने के लिए कविताएं, गजल आदि तो अहम दस्तावेज हैं हीं, उस दौर में जेल में लिखी गयीं डायरियां सबसे प्रामाणिक स्रोत हैं। उन दिनों की राजनीति, राजनेताओं को समझने-जानने के लिए। जेल में खासतौर से जयप्रकाश नारायण और चंद्रशेखर के जेल संस्मरण, उन दिनों की राजनीति, राजनेताओं के मूल चरित्र, स्वभाव, कथनी-करनी का...
इमरजेंसी 25 जून 1975 को लागू हुई। 21 माह (1975-1977) तक रही। इमरजेंसी के इस दौर को कवियों ने भी अपने नजरिये से देखा और खूब रचनाएं कीं। इनमें न सिर्फ हिन्दी के कवि थे, बल्कि दूसरी भारतीय भाषाओं के रचनाकार भी शामिल थे। बता रहे हैं, जेपी आंदोलन में शरीक रहे राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश
हरिवंश
लोकतांत्रिक और आजाद...
शिवानंद तिवारी
इमर्जेंसी की 44 वीं सालगिरह पर जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में शुरू हुए आंदोलन की याद स्वाभाविक है। इसलिए कि इमर्जेंसी का आधार जय प्रकाश का आंदोलन ही माना गया। 18 मार्च 1974 को छात्रों और युवाओं के द्वारा बिहार आंदोलन की शुरुआत हुई थी। आंदोलन का नेतृत्व करने वाले छात्र युवा नेताओं के अनुरोध पर...
पटना। बम ब्लास्ट की बिहार में हाल के दिनों में हुई घटनाओं को देखते हुए यह कहना अनुचित नहीं कि बिहार आतंकियों का सेफ सेंटर बनता जा रहा है। सियासी बातों को छोड़ दें तो यह बात पक्की है कि बिहार आतंकियों का सेफ सेंटर बनता जा रहा है। बंगाल, बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते आकर आंतकी गतिविधियों को...
पटना। बिहार के मदरसों में हाल के महीनों में हुई बम ब्लास्ट की घटनाओं पर साथ मिल कर सरकार चला रही पार्टियों- BJP और JDU में सियासी घमासान मचा है। BJP से मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद ने दरभंगा में पार्सल बम ब्लास्ट के अलावा बिहार में अररिया, सीवान और बांका में हुई बम विस्फोट की घटनाओं पर बयान...
सुप्रीम कोर्ट ने 2 जनवरी, 2011 को यह स्वीकार किया कि देश में आपातकाल के दौरान इस कोर्ट से भी नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन हुआ था। आपातकाल के करीब 35 साल बाद सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति आफताब आलम और जस्टिस अशोक कुमार गांगुली के पीठ ने उस समय की अदालती भूल को स्वीकार किया।
सुरेंद्र किशोर
अपनी लोकसभा...
कबीर ज्ञान और प्रेम के कवि थे। उनकी कविता हाय-हाय और हाहाकार वाली कविता नहीं है, उल्लास की कविता है। वह दिन-रात रोना-बिसूरना नहीं जानते। वह तो मगन रहना जानते हैं।
प्रेमकुमार मणि
आज जेठ पूर्णिमा है। कबीर का जन्मदिन। शायद मैंने कुछ गलत कह दिया। उनका जन्म पता नहीं कब हुआ था। इस रोज उन्हें बनारस के लहरतारा जलगाह...