झारखंड में बैलगाड़ी पर बैठ कर सड़कों पर उतरे बंद समर्थक

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रांची। पेट्रोल-डीजल की महंगाई के विरोध में कांग्रेस द्वारा बुलाये गये भारत बंद का झारखंड में खासा असर दिखा। लंबी दूरी की बसें सड़कों से नदारद रहीं। कोयला वाले इलाकों में लोड़िंग का काम प्रभावित हुआ। दोपहर तक झारखंड में 5000 से ज्यादा बंद समर्थकों को गिरफ्तार किया गया। सबसे अधिक गिरफ्तारियां साहेबगंज में हुईं, जहां 607 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

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बोकारो में बंद समर्थकों ने अपने अंदाज में प्रदर्शन किया। बंद में शामिल झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के समर्थर्कों ने बैलगाड़ी में बैठ कर प्रदर्शन किया। देवघर, हजारीबाग और कोडरमा जैसे जिलों में बंद का व्यापक असर देखा गया, तो राजधानी रांची और आसपास के जिलों में बंद बेअसर रहा। हालांकि एहतियातन राज्य के सभी स्कूलों में आज छुट्टी की घोषणा कर दी गयी थी। बंद समर्थक कीमतों में वृद्धि वापस लेने की मांग कर रहे थे। वे सरकार विरोधी नारे भी लगा रहे थे। सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के कारण अभी तक राज्य में किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

हजारीबाग में पुलिस और बंद समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प होने की सूचना है। बोकारो और कई अन्य जिलों में बंद समर्थकों ने स्वतः गिरफ्तारियां देकर डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ विरोध जताया। राज्यभर में पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये थे। शहरों के मुख्य चौक-चौराहों और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी थी, जो बंद समर्थकों के हुड़दंग पर काबू पाने की कोशिश करते रहे।

गुमला में पूर्व सांसद डॉ रामेश्वर उरांव, पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव, कांग्रेस जिलाध्यक्ष रौशन बरवा समेत 100 से अधिक कांग्रेसी नेताओं ने गिरफ्तारी दी। गुमला में सभी दुकानें बंद रहीं। बसों का परिचालन भी पूरी तरह ठप हुआ। जमशेदपुर में बंद का व्यापक असर देखा गया। खासकर बर्मा माइंस में बंद का व्यापक असर दिखा। सड़कें सुनसान रहीं। इक्का-दुक्का वाहनों का परिचालन जरूर हुआ।

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