कोलकाता। बंगाल की आज की बड़ी खबर है कि हाईकोर्ट से सशर्त बेल मिलने के बाद ममता बनर्जी कैबिनेट के कद्दावर मंत्री फिरहाद हकीम घर लौट आये हैं। चिकित्सकों के परामर्श पर सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा औऱ शोभन चटर्जी, अभी अस्पताल में ही रहेंगे। कलकत्ता हाईकोर्ट की डबल बेंच में सीबीआई द्वारा नारदा ब्राइबरी स्टिंग मामले में गिरफ्तार टीएमसी के 4 नेताओं की अंतरिम जमानत पर सुनवाई हुई, जिसमें जजों के विचार बंटे थे। एक जज अग्रिम जमानत देने के पक्ष में थे, जबकि चीफ जस्टिस बेल के खिलाफ थे। फिलहाल तय हुआ कि इन नेताओं को अगली सुनवाई तक हाउस अरेस्ट रखा जाएगा। इन नेताओं की अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की गयी थी।
बंगाल में इनदिनों यह मामला चर्चा का केंद्र बना हुआ है। अब इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने जमानत पर सुनवाई के लिए 5 सदस्यीय वृहत्तर बेंच का गठन किया है। मुख्य न्यायधीश राजेश बिंदल, हरीश टंडन, सोमेन सेन, इंद्रप्रसन्न मुखोपाध्याय और अरिजीत बनर्जी बेंच के सदस्य होंगे। सोमवार यानी 24 मई को सुबह 11 बजे नारदा ब्राइबरी स्टिंग मामले के इन 4 अभियुक्तों की जमानत तथा मामले के स्थानांतऱण सम्बन्धी समस्त मामलों की सुनवाई होगी।
इधर फिरहाद हकीम घर लौट आए हैं। वे घर से अपने मंत्रिमंडलीय विभाग के कार्य वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये संपन्न करेंगे। उन्हें घर से बाहर जाने की इजाजत नहीं होगी। उनके घर लॉगबुक रखी जाएगी, जिसमें आने-जाने वालों के नाम-पते दर्ज होंगे।
इधर नारदा कांड के चारों आरोपियों की जमानत को लेकर वादी-प्रतिवादी दोनों पक्ष सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। सीबीआई जमानत न दिये जाने की अपील के साथ जाएगी तो टीएमसी के ये नेता जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण लेंगे। आज भी सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अंतरिम जमानत न देने का तर्क दिया था।
इस बीच बंगाल चुनाव बाद हिंसा से एक लाख लोगों के पलायन की बात कहते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गयी है। हाल ही में राज्यपाल ने असम का दौरा किया था और कहा था कि बड़े पैमाने पर हिंसा और जबरन धर्मांतरण के भय से लोग पलायन कर गये हैं।
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