- नवीन शर्मा
कोंकणा सेन शर्मा नैन नक्श से भले ही साधारण दिखती हों पर वे असाधारण क्षमताओं से भरपूर अभिनेत्री हैं। उन्हें दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाना उनकी अभिनय प्रतिभा पर मुहर लगाता है। कोंकणा सेन शर्मा का जन्म बंगाली परिवार 3 दिसंबर 1979 को नई दिल्ली में हुआ था। इनके पिता मुकुल शर्मा विज्ञान लेखक और पत्रकार हैं। कोंकणा को कलाकार का गुण विरासत से भी मिला है। इनकी माँ अपर्णा सेन बांग्ला फिल्मों की जानीमानी अभिनेत्री और निर्देशक हैं। वहीं नाना, चिदानंद दासगुप्ता, एक फिल्म आलोचक, विद्वान, प्रोफेसर, लेखक और कलकत्ता फिल्म सोसाइटी के सहसंस्थापक रहे हैं। कोंकणा को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में पहचान फिल्म मिस्टर एंड मिसेज़ अय्यर में मीनाक्षी अय्यर के रूप में मिली। उन्हें इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरूस्कार से भी नवाजा गया। इस फिल्म का निर्देशन अपर्णा सेन ने किया गया था। इसके बाद वह मधुर भंडारकर की फिल्म पेज 3 में एक पत्रकार के किरदार में नजर आई। इस फिल्म में उनकी बेहतरीन अदाकारी को देख आलोचक भी उनसे बिना प्रभावित हुए रह नहीं सके। कोंकणा के अभिनय की सबसे खास बात यह है कि वो कभी भी लाउड नहीं होती हैं लगता ही नहीं की वे अभिनय कर रही हैं। इस फिल्म में उनके सहज और प्रभावशाली अभिनय उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का दूसरा राष्ट्रीय पुरुस्कार दिलाने में कामयाब रहा।
कोंकणा ने प्रारंभिक पढ़ाई माडर्न हाई स्कूल फॉर गर्ल्स, कलकत्ता से की है। दिल्ली यूनिवर्सटी के सेंट स्टीफेन कॉलेज से ग्रेजुएशन पूर्ण की है। कोंकणा ने करियर की शुरुआत बाल कलाकार के रूप में बांग्ला फिल्म इंद्रा से की थी। 2000 मे बांग्ला फिल्म एक जे आछे कन्या से अभिनेत्री के रूप करियर शुरू किया। इसमें उन्होंने ने नकारात्मक चरित्र निभाया था। इसके बाद वे रितुपर्णो घोष की बहुप्रशंसित फिल्म तितली में मिथुन चक्रवर्ती और अपनी माँ अपर्णा सेन के अपोजिट नज़र आयीं थीं।
साल 2006 में फिल्म ओमकार में एक गरीब अधेड़ महिला का किरदार निभाकर कोंकणा ने एक बार फिर क्रिटिकस को तारीफ करने करने के लिए मजबूर कर दिया था। उन्हें इस फिल्म के फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। इसके बाद कोंकणा ने रितुपर्णो घोष के बंगाली कला फिल्म दोसर में अभिनय किया। इसका प्रथम प्रदर्शन कई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में किया गया। इस फिल्म के लिए उन्हें महिंद्रा इंडो-अमेरिकन आर्ट काउन्सिल (MIAAC) फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके बाद वे मधुर भंडारकर की फिल्म ट्रैफिक सिगनल में दिखाई दी। इस फिल्म में वह एक वैश्या के किरदार में नजर आयीं थीं।
लाइफ इन ए मेट्रो में इरफान के साथ
2007 में आयी उनकी दूसरी फिल्म अनुराग बासु की लाइफ इन ए… मेट्रो थी। इस फिल्म में मुंबई के अलग अलग लोगों के जीवन का चित्रण किया था और कोंकणा की भूमिका एक जवान और असुरक्षित महिला की थी। इस फिल्म में इरफान जैसे जबरदस्त अभिनेता के साथ भी वे.काफी सहज नजर आईं। इसमें उनके उम्दा अभिनय के लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। इस फिल्म ने बॉक्सऑफिस पर अच्छी खासी कमाई की थी। 2007 के आखिर में, कोंकणा ने यशराज फिल्म बैनर के अंतर्गत दो फिल्मों में अभिनय किया। पहली फिल्म, प्रदीप सरकार निर्देशित फिल्म लागा चुनरी में दाग थी। यह फिल्म बनारस की पृष्ठभूमि पर आधारित थी। फिल्म की कहानी दो बहनों के ऊपर केंद्रित थी। जिसमे बड़ी बहन रानी मुखर्जी अपने घर परिवार को अच्छा जीवन देने के लिए एक कॉल गर्ल बन जाती है। हालंकि फिल्म फ्लॉप रही। लेकिन क्रिटिक्सस ने दोनों अभिनेत्रियोँ के अभिनय की बेहद सरहाना की। दूसरी फिल्म थी माधुरी की कमबैक फिल्म आजा नच ले। इस फिल्म कोंकणा बतौर सपोर्टिंग एक्ट्रेस नज़र आई थीं।
2008 में सेन शर्मा ने दिल कबड्डी में अभिनय किया। उन्होंने एक लघु फिल्म (हाउ कैन इट बी?) में भी काम किया। जिसका निर्देशन मीरा नायर ने एट नामक फिल्म परियोजना के लिए किया था और इसे सिनेमाघरों में जारी करने से पहले 2008 के कई फिल्म समारोहों में दिखाया गया था।
2009 में वह एक कम बजट की अंग्रेजी फिल्म द प्रेसिडेंट इज कमिंग में दिखाई पडीं, इसका निर्देशन कुणाल रॉय कपूर ने किया था।इसके बाद कोंकणा जोया अख्तर की फिल्म लक बाइ चांस में फरहान अख्तर के अपोजिट नजर आयीं। लेकिन बॉक्स ऑफिस पर फिल्म को प्रत्याशित सफलता नहीं मिली।
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2009 में अयान मुखर्जी की रोमानी फिल्म वेक अप सिड में रणबीर कपूर के संग रोमांस करतीं नज़र आयीं। इसमें रणबीर जहां एक कम अनुभवी युवा की भूमिका में थे वहीं कोंकणा एक मैच्योर कामकाजी महिला की भूमिका को बेहद संजीदा ढंग से निभाती नजर आईं। वे सिड जैसे युवा को बहुत ही बढ़िया तरीके से भावनात्मक सहारा देतीं हैं।
2010 में कोंकणा ने अश्विनी धीर की हास्य फिल्म अतिथि तुम कब जाओगे में अजय देवगन और परेश रावल के विपरीत काम किया। यह एक कॉमेडी ड्रामा फिल्म थीं।2013 में वह एकता कपूर की फिल्म एक थी डायन में नज़र आयीं।
आने वाली फ़िल्में
सेन की आने वाली फिल्मों में गौर हरी दास्ताँ -द फ्रीडम फ़ाइल, लिपस्टिक वाले सपने,नोयडा और कादम्बरी शामिल हैं।
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