- डी. कृष्ण राव एंड टीम
कोलकाता। बंगाल में भाजपा की मेहनत रंग लाती दिख रही है। हालांकि यह अनुमान है, लेकिन सार्थक समय टीम का आकलन जमीनी हकीकत को बयान करता है। भाजपा को 2021 के विधानसभा चुनाव में बंगाल में 166 सीटें मिलती दिख रही हैं। यानी सरकार बनाने का स्पष्ट बहुमत भाजपा को मिलता हुआ दिख रहा है। इस आकलन में सीटें 5 बढ़ सकती हैं या कम 5 कम हो सकती हैं। बंगाल विधानसभा में कुल सीटें 294 हैं और किसी भी दल या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 147-148 सीटें चाहिए। भाजपा ने 293 सीटों पर चुनाव लड़ा था और एक सीट अपनी सहयोगी पार्टी आजसू को दिया था।
सबसे बड़ा झडका टीएमसी और उसकी सहयोगी पार्टी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (विमल गुरुंग गुट) को लगता दिख रहा है। दोनों ने 294 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। पहाड़ की 3 सीटें तृणमूल कांग्रेस ने विमल गुरुंग के लिए छोड़ थी। टीएमसी और उनकी सहयोगी पार्टी को इस बार 94 सीटें मिलने का अनुमान है। इसमें 5 सीटें बढ़ या घट सकती हैं। यानी ममता बनर्जी हैट्रिक बनाने से चूकती नजर आ रही हैं।
माकपा, कांग्रेस और आईएसएफ को लेकर बने तीसरे मोरचे को इस बार 34 सीटें मिलने का अनुमान है। इसमें 5 सीटों की घट-बढ़ की गुंजाइश हैं। वाम दलों के इतिहास में यह पहला मौका है, जब माकपा ने अपने 60 प्रतिशत उम्मीदवार युवाओं को बनाया है।
भाजपा ने इस बार बंगाल चुनाव फतह करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। केंद्रीय मंत्रियों और प्रधानमंत्री के अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्री बंगाल के चुनाव प्रचार में उतरे थे। अकेले प्रधानमंत्री ने तकरीबन डेढ़ दर्जन सभाएं बंगाल में कीं।
हालांकि चुनाव परिणाम 2 मई को आएंगे, लेकिन अनुमानों में भारतीय जनता पार्टी बंगाल में न सिर्फ सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरती दिख रही है, बल्कि वह सरकार बनाने के स्पष्ट बहुमत के के करीब दिख रही है। भाजपा ने बंगाल में तृणमूल की गुंडागर्दी और केंद्रीय योजनाओं के लाभ से लोगों को वंचित रखने का आरोप ममता बनर्जी पर लगाया था।
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