- भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने दिया विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव
- राहुल एंड कंपनी के आठ झूठ, खुद ही बेनकाब हुए राहुल: राजीव रंजन
दिल्ली/पटना। राफेल प्रकरण में भाजपा ने राहुल गांधी गांधी के खिलाफ भाजपा ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। भाजपा के सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में राहुल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के नोटिस का प्रस्ताव पेश किया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस के खिलाफ हमलावर होने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। इधर पटना में कांग्रेस को फिर से निशाने पर लेते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक राजीव रंजन ने राफेल प्रकरण पर राहुल द्वारा बोले गए आठ झूठों को मीडिया के सामने रखा। झूठ के तौर पर उन्होंने ओलांद का नाम लेकर कहा कि उन्होंने पीएम मोदी के बारे में अपशब्द कहे। ओलांद ने इसका भी खंडन किया।
उन्होंने कहा कि भारत के राजनीतिक इतिहास में आज तक के सबसे झूठे राजनेता के तौर पर स्थापित हो चुके कांग्रेस के युवराज राहुल गाँधी ने राफेल मसले पर खुद के पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है। याद करें तो शुरुआत से ही राहुल इस मुद्दे पर झूठ बोलते रहे और बेनकाब हो खुद ही अपनी बेइज्जती करवाते रहे हैं। सबसे पहले इन्होने फ्रेंच मीडिया हाउस की एक रिपोर्ट को तोड़-मरोड़ कर पेश किया, जिसका तुरंत ही डसॉल्ट के CEO ने खंडन कर लोगों को सही जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने फर्जी और मनगढ़ंत तथ्यों की बुनियाद पर सुप्रीम कोर्ट पर इस डील पर दबाव बनाने की कोशिश की, जिसे कोर्ट ने साफ ख़ारिज कर दिया।
राहुल ने डिफेंस मिनिस्ट्री के एक अधिकारी के ट्रांसफर पर झूठ बोला, जबकि वह ट्रेनिंग के लिए गए थे। इनकी चौथी कोशिश फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के ओलांद के नाम पर झूठ फैलाने की हुई, जिसकी धज्जियां खुद ओलांद ने ही उड़ा दी थीं। पांचवें झूठ के तौर पर उन्होंने ओलांद का नाम लेकर कहा कि उन्होंने पीएम मोदी के बारे में अपशब्द कहे। ओलांद ने इसका भी खंडन किया। छठे झूठे में राहुल ने संसद में कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने उन्हें राफेल में घोटाला होने की जानकारी दी, जिस पर तुरंत फ्रांस की सरकार ने अपना आधिकारिक वक्तव्य जारी कर ऐसी किसी भी बात से इंकार किया।
सातवें झूठ के तौर पर उन्होंने राफेल के चार अलग-अलग दाम बताए, जो खुद उनकी जानकारी और मंशा की पोल खोल देता है। इसके अलावा आठवें झूठ में राहुल ने आरोप लगाया था कि कैबिनेट कमिटी ऑन डिफेंस को इस डील में लूप में नहीं लिया गया, जबकि अगस्त 2016 को ही CCS ने खरीद को मंजूरी दे दी थी।
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श्री रंजन ने आगे कहा कि बार-बार मुंह की खाने के बाद भी राहुल द्वारा लगातार लगाए जा रहे झूठे आरोपों को देखते हुए जाहिर है कि वह किसी भी कीमत पर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी माने जा रहे इस डील को रुकवाना चाहते हैं। अब राहुल को जवाब देना चाहिए कि वह क्यों इस मसले पर झूठ की खेती कर रहे हैं? वह बताएं कि राष्ट्र हित को ताक पर रख वह किसे फायदा पंहुचाना चाह रहे थे?”
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