बाबू हमार जीहें त बकरी चरइहें, खेते-खेते करिहें बनिहारी भारतवसिया
मलिकाइन के पाती
बाबू हमार जीहें त बकरी चरइहें, खेते-खेते करिहें बनिहारी भारतवसिया..। लरिकाई में हम अपना बाबा के बाबूजी ई मुंह से ई गीतिया...
मलिकाइन के पातीः होइहि सोइ जो राम रचि राखा…..
मलिकाइन के पाती आइल बा। लिखले बाड़ी- होइहि सोइ जो राम रचि राखा, को करि तर्क बढ़ावे साखा। ह लाइन से मलिकाइन कोरोना से...
मार बढ़नी रे-मार बढ़नी, कोरोनवा कुलच्छनी के मार बढ़नी
मार बढ़नी रे-मार बढ़नी, कोरोनवा कुलच्छनी के मार बढ़नी। मलिकाइन के पाती एम शफी के लिखल आ रिंकू भारती के गावल गीत से शुरू...
हमरा त रह-रह के इहे बुझाता, केहू से केहू के निबही ना नाता
हमरा त रह-रह के इहे बुझाता, केहू से केहू के निबही ना नाता। मलिकाइन के पाती आइल बा। आजो ऊ अपना पाती के शुरुआत...
मलिकाइन के पाती- भय बिन होहि न प्रीति…
मलिकाइन के पाती एहू बेर गोसाईं तुलसी दास जी के रामायण के एगो चौपाई के लाइन से शुरू भइल बा। लिखले बाड़ी- भय बिन...
खेलेब, ना खेलायेब, खेलवे भांड़ देब…………………
खेलेब ना खेलायेब, खेलवे भांड़ देब। मलिकाइन के पाती अबकियो कहाउते से शुरू भइल बा। उनकर सगरी पाती एही अंदाज में हर बेर आवेला।...
मलिकाइन के पाती- बेशवा रूसल त घरवो बांचल
मलिकाइन आपन पाती आदतन एहू बेर कहाउते से शुरू कइले बाड़ी। लिखले बाड़ी- बेशवा रूसल त घरवो बांचल। पाती पढ़ला के बाद माने बुझाई।...
आनकर आंख में कीचर लउके, आपन ढेंढ़र केहू निहारे ना
आनकर आंख में कीचर लउके, आपन ढेंढ़र केहू निहारे ना। मलिकाइन के पाती अबकियो कहाउते से शुरू भइल बा। आनकर आंख में कीचर लउके,...
ई कोरना भायरस कवन बेमारी ह मलिकार, मचवले बा हाहाकार
ई कोरना भायरस कवन बेमारी ह मलिकार, एह घरी चारू ओर ऊ मचवले बा हाहाकार। मलिकाइन अपना पाती में आज इहे सवाल कइले बाड़ी।...
कहीं के ढोल कहीं के तासा, पल में तोला पल में मासा
कहीं के ढोल कहीं के तासा, पल में तोला पल में मासा। मलिकाइन के पाती के शुरुआत गंवई कहाउत से भइल बा- एह कहाउत...