सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

इतनी कहियो जायिः निराला ने लिख दिया- बांधो न नाव इस ठांव बंधु

मिथिलेश कुमार सिंह महाप्राण निराला को जिन कुछेक गीतों ने हिंदी में पूरी ताकत से स्थापित किया और उन्हें दाखिल दफ्तर होने से बचा...
यथार्थवादी उपन्यास, ’मैला आंचल’ और ‘परती परिकथा’ जैसे उपन्यासों में लोकजीवन की अनुपम छटा चित्रित करने वाले कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु हैं।

यथार्थवादी उपन्यास हैं ’मैला आंचल’ और ‘परती परिकथा’

राजेंद्र वर्मा यथार्थवादी उपन्यास, ’मैला आंचल’ और ‘परती परिकथा’ जैसे उपन्यासों में लोकजीवन की अनुपम छटा चित्रित करने वाले कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु हैं। 4.03.1921...

राजमहल की पहाड़ियों में सबसे पहले जन्म हुआ था मानव का

दुमका। पुरातत्त्वविद् पंडित अनूप कुमार वाजपेयी द्वारा लिखित विश्व की प्राचीनतम सभ्यता नामक शोध पुस्तक का दुमका के जनसम्पर्क विभाग सभागार में प्रयास फाउंडेशन फार टोटल डेवलपमेंट...

और आखिरकार कारोबार खबर की अकाल मौत हो गयी

पत्रकार ओमप्रकाश अश्क की प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर बने एडिटर- की अगली कड़ी पेश है। यह उस दौर की बात है, जब श्री अश्क...
ओमप्रकाश अश्क

और इस तरह प्रभात खबर के कार्यकारी संपादक बने ओमप्रकाश अश्क

ओमप्रकाश अश्क ने अपने कार्यकारी संपादक बनने की रोचक कहानी आत्मकथा पर आधारित अपनी प्रस्तावित पुस्तक- मुन्ना मास्टर बने एडिटर- में बतायी है। कैसे...
कविता अखबारी दायित्व नहीं निभाती जिससे उसे सामयिकता की कसौटी पर परखा जाय

कविता अखबारी दायित्व नहीं निभाती जिससे उसे सामयिकता की कसौटी पर परखा जाय

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कोर्ट भला कविता के रुप में दी गई गवाही मानता है क्या ? रविकेश मिश्रा पटना: कविता की गवाही भला कोर्ट क्यों माने ? कविता...

उदीयमान कवि दीपक कुमार की दो कविताएं

दीप प्रकाश की कविताएं 1. सूर्य! जिसकी आंखों के सामने आकार लिया धरती ने। जिसकी किरणों से जीवन का संचार हुआ। वो सूर्य! आज भी वैसे ही रोज उगता और ढलता है, जैसा पहले...
ओमप्रकाश अश्क

आनंदलोक, डीके सराफ, डा. रामपुरिया और बीमार मेरा साथी

ओमप्रकाश अश्क की शीघ्र प्रकाश्य पुस्तक- मुन्ना मास्टर बने एडिटर का एक अंश कोलकाता में एक चैरिटी अस्पताल है- आनंदलोक। चलता तो है एक ट्रस्ट...

जयंती पर विशेषः ओशो आधुनिक युग का  विद्रोही संन्यासी

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नवीन शर्मा आचार्य रजनीश जो बाद में ओशो के नाम से जाने जाते हैं, वे आधुनिक भारत की सबसे चर्चित और और विवादास्पद आध्यात्मिक...
फणीश्वरनाथ रेणु का कथा संसार दो भिन्न भारतीय स्‍वरूपों के बीच खड़ा है। प्रेमचंद के बाद फणीश्‍वर नाथ रेणु को आंचलिक कथाकार माना गया है।

कोरोना और COVID-19 सेे ऊब गये हों तो रेणु को जरूर पढ़ लें

कोरोना, कोरोना वायरस और COVID-19 या नोवेल कोरोना सुनते-सुनते अगर आप ऊब गये हैं तो थोड़ा फणीश्वर नाथ रेणु के बारे में भी पढ़...