चन्द्रशेखर जी की दाढ़ी का राज, आप नहीं जानते तो जान लीजिए

चन्द्रशेखर जी की दाढ़ी का राज, आप नहीं जानते तो जान लीजिए

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चन्द्रशेखर जी की दाढ़ी का राज, आप नहीं जानते तो जान लीजिए। रोज दाढ़ी बनवाने के शौकीन चन्द्रशेखर ने दाढ़ी रखनी क्यों शुरू कर...
गांधीजी ने बकरे की बलि रोकने पर लोगों को विवश कर धर्म की शिक्षा दी थी। चंपारण सत्याग्रह के दिनों की बात है। गांधीजी वहीं एक गांव में रुके हुए थे।

गांधीजी ने जब बकरे की बलि रोकने पर लोगों को विवश कर दिया

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निराला गांधीजी ने बकरे की बलि रोकने पर लोगों को विवश कर धर्म की शिक्षा दी थी। चंपारण सत्याग्रह के दिनों की बात है।...

तन्हाई ने ताउम्र साथ नहीं छोड़ा चर्चित अभिनेत्री नादिरा का

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वीर विनोद छाबड़ा  तन्हाई ने ताउम्र साथ नहीं छोड़ा अपने जमाने की चर्चित अभिनेत्री नादिरा का। औरत जब मोहब्बत में पड़ती है तो ढेर...
बिरसा मुंडा को भारतीय इतिहास में स्थान मिलना ही चाहिए। वह स्थान सम्मानजनक होगा या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि 70 लाख आदिवासियों के साथ आप किस तरह से पेश आते हैं।

बिरसा मुंडा को भारतीय इतिहास में स्थान मिलना ही चाहिए

बिरसा मुंडा को भारतीय इतिहास में स्थान मिलना ही चाहिए। वह स्थान सम्मानजनक होगा या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि 70...

राजमहल की पहाड़ियों में सबसे पहले जन्म हुआ था मानव का

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दुमका। पुरातत्त्वविद् पंडित अनूप कुमार वाजपेयी द्वारा लिखित विश्व की प्राचीनतम सभ्यता नामक शोध पुस्तक का दुमका के जनसम्पर्क विभाग सभागार में प्रयास फाउंडेशन फार टोटल डेवलपमेंट...

भोजपुरी गीतों को नया आयाम दे रही है भोजपुर की बेटी बेबी काजल

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पटना। बिहार के भोजपुर जिले के आरा की माटी से ताल्लुक रखने वाली बेबी काजल भोजपुरी की एक ऐसी गायिका के तौर पर अब...

मैथिली ठाकुर के गीत 99 साल तक रेडियो पर सुनाई देंगे

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अनूप नारायण सिंह पटना। सोशल मीडिया पर एक दुबली-पतली लड़की मैथिली गीत लाइव गा रही थी। अपना मैथिली से कोई खास वास्ता नहीं, फिर...
हरिवंश, राज्यसभा के उपसभापति

हरिवंश जी ने जब खुशी-खुशी विदा किया प्रभात खबर से

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हरिबंश नारायण सिंह उर्फ पत्रकार से राज्यसभा के उपसभापति कर तक सफर करने वाले हरिवंश जी के बारे में इतना कुछ मित्रों ने लिखा...

भगवान शिव सबको इतने नीक क्यों लगते हैं?

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शिव क्यों नीक लगते हैं? सोचा कभी कि शिव-भक्त क्यों विष्णु-द्रोही होते हैं? सारे असुर, रावण से लेकर! युगों पूर्व शैव तथा वैष्णव झगड़ते...

बांग्ला में लेखन, पर हिन्दी में सर्वाधिक पढ़े गये शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय

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पुण्यतिथि पर विशेष नवीन शर्मा शरत चंद्र वैसे तो मूल रूप से बांग्ला के उपन्यासकार थे, लेकिन उनकी रचनाओं के अनुवाद हिंदी भाषी लोगों में खासे...