मुंबई। लेखक-गीतकार और निर्देशक राजेश कुमार की फिल्म ‘लाल’ सेंसर बोर्ड से पास हो गयी है। सेंसर बोर्ड ने उनकी इस फिल्म को ‘यू ए’ सर्टिफिकेट दिया है। यू ए सर्टिफिकेट इस बात का प्रमाण है कि फिल्मी अश्लील नहीं है। फिल्म की निर्मात्री नीता कुमारी और सह-निर्माता जितेंद्र कुमार की राजेश कुमार के निर्देशन में बनी यह फिल्म मां-बेटे के संबंधों पर आधारित है।
यह भी पढ़ेंः बेपनाह हुस्न की मलिका इंद्राणी जानिए क्यों है चर्चा के केंद्र में
इसके ‘शीर्षक’ से ही स्पष्ट हो जाता है कि फिल्म फिल्म मां-बेटे के रिश्तों पर ही आधारित है। भावनात्मक कहानी होने के कारण दर्शक जरूर इसे पसंद करेंगे। संजीव सनेहिया, कल्पना शाह, श्रुति राव, रूपा सिंह, गिरीश शर्मा, जितेंद्र वत्स, उदय श्रीवास्तव, साहब लालधारी आदि की इसमें प्रमुख भूमिकाएं हैं।
यह भी पढ़ेंः विश्व मंच पर मोदी ने दिखाई हैसियत, पाकिस्तान की हालत बनी पतली
भावनाओं से भरी इस फिल्म की एक बड़ी खासियत इसका गीत-संगीत है, जो सुनने में बेहद कर्णप्रिय है। यकीन मानिए, कुछ गीत तो आंखों में आंसू ला देनेवाले हैं। इसके निर्देशक राजेश कुमार की नजर में मां और मातृभाषा दोनों का स्थान और सम्मान एक ही है। वे कहते हैं, ‘‘मैं किसी भी हाल में अपनी मातृभाषा के सम्मान पर आंच नहीं आने देना चाहता। मैंने अपनी आगामी फिल्मों का निर्माण इस इरादे से किया है कि वे सभी मां, बहन, बेटियां बेहिचक थियेटर में आयें, जो पिछले एक दशक से दूर चली गयी थीं।’’
यह भी पढ़ेंः भोजपुरी एक्ट्रेस अनारा गुप्ता की चमकी किस्मत, जल्द बॉलीवुड में एंट्री
राजेश कुमार कहते हैं, ‘‘मैं इस पचड़े में नहीं पड़ना चाहता, इसके लिए कौन जिम्मेदार है, क्योंकि जिन लोगों ने भोजपुरी को इस स्थिति में पहुंचाया है, उन्हें सब जानते हैं और आम जनता सोशल मीडिया में उनके साथ कैसा बर्ताव कर रही है, यह भी सभी लोग देख रहे हैं।’’ यह पूछने पर कि क्या मां-बहन-बेटियां उनकी फिल्मों के साफ-सुथरी होने पर यकीन कर पायेंगी, उनका जवाब था, ‘‘देखिए, इसका सबसे बड़ा प्रमाण है फिल्म को ‘यू ए’ सर्टिफिकेट का मिलना। इसके अलावा मैंने पोस्टर्स भी इस तरह के बनवाये हैं कि उन्हें देखने के बाद हमारी बहन-बेटियां ये कहने पर मजबूर हों कि ‘अरे ये तो पहले जैसी साफ-सुथरी भोजपुरी फिल्मों के पोस्टर्स लग रहे हैं।’’
यह भी पढ़ेंः पटना के कंकड़बाग कॉलोनी के फुटपाथ पर चलता है एक स्कूल
आज के युग में इस तरह की बेहद साफ-सुथरी फिल्मों के निर्माण का सारा श्रेय अपने प्रोड्यूसर्स को देते हुए राजेश कुमार कहते हैं कि आज ये आप जो कुछ भी देख रहे हैं, वो हमारे निर्माताओं की वजह से ही संभव हो पाया है। उन लोगों का सबसे बड़ा योगदान रहा है।
यह भी पढ़ेंः फिल्म समीक्षाः बाला साहेब की तरह ही बेबाक है ठाकरे