रांची। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि भारत की आत्मा गांव में बसती है। गांव विकसित होगा, तभी राज्य एवं देश समृद्ध होगा। वर्ष 2022 तक झारखंड को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा करना सरकार की प्राथमिकता है। झारखंड के गांव सर्वांगीण रूप से विकसित हों, इस हेतु केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा गांव, गरीब, किसान एवं युवाओं को फोकस करते हुए योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। राज्य में किसानों की आय दोगुनी हो सके, इस हेतु सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने झारखंड मंत्रालय में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आयोजित सूक्ष्म टपक सिंचाई परियोजना का शुभारंभ, आजीविका विकास कार्यक्रम के अंतर्गत सामुदायिक समन्वयको को नियुक्ति पत्र वितरण एवं Skill Deed Course प्रशिक्षण का शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में महिला स्वयं सहायता समूह अथवा सखी मंडल की एक बड़ी फौज खड़ी है। महिला स्वयं सहायता समूह के दीदियां संगठित होकर जिंदगी में बदलाव लाने का काम कर रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि पिछले 4 वर्षों में देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गांव, गरीब एवं किसान का आर्थिक एवं सामाजिक विकास हुआ है। झारखंड राज्य में भी पलायन एक बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवक-युवतियों को कौशल विकास प्रशिक्षण के माध्यम से प्रशिक्षित कर गांव में ही रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने की व्यवस्था की है। ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे उद्योगों का विकास कर रोजगार का सृजन करना ही सरकार का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान वर्ग के लोगों को भी प्रशिक्षण देकर आधुनिक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। सूक्ष्म टपक सिंचाई पद्धति अपनाकर किसान खेती करें। वर्तमान समय में वातावरण के बदलते परिवेश को देखते हुए आधुनिक तकनीक अपनाकर ही उन्नत कृषि की ओर किसान अग्रसर हो सकेंगे। राज्य सरकार ग्रामीण विकास एवं कृषि को प्राथमिकता के तौर पर लिया है। राज्य के किसान ऑर्गेनिक खेती की ओर ज्यादा से ज्यादा फोकस करें। बाजार सरकार मुहैया कराएगी। ऑर्गेनिक खेती से उत्पादन किए गए सब्जी की डिमांड जापान इत्यादि देशों में बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है किसान की लागत कम करके उत्पादन को बढ़ाना हम सबका लक्ष्य होना चाहिए। राज्य में “जोहार योजना” के तहत किसानों को आधुनिक खेती एवं कम पानी में उन्नत खेती किस तरह हो, इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सूक्ष्म टपक सिंचाई पद्धति कार्यक्रम का शुभारंभ राज्य के 9 जिलों के 30 प्रखंडों में किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आजीविका विकास कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए 230 सामुदायिक समन्वयको को नियुक्ति पत्र वितरण किया जा रहा है। समन्वयक अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन इमानदारी पूर्वक करें। ग्रामीण क्षेत्रों में किसान वर्ग के लोगों को जागरूक कर उन्हें आधुनिक खेती के लिए प्रेरित करें। साथ ही राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से किसानों को जोड़ें। राज्य के किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने में समन्वयक की भूमिका महत्वपूर्ण साबित होगी। नौकरी सिर्फ नौकरी के लिए ना करें, बल्कि नौकरी को देश सेवा के रूप में करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की महिलाएं बहुत ही ईमानदार एवं मेहनतकश होती हैं। महिलाएं आगे बढ़ेंगी, तभी देश आगे बढ़ेगा। सखी मंडल से जुड़ी महिलाओं को राज्य सरकार द्वारा स्मार्टफोन भी दिया जा रहा है। स्मार्ट फोन का उपयोग कर महिलाएं सूचनाओं एवं जानकारियों का आदान-प्रदान आसानी से इंटरनेट के माध्यम से कर पा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले कम पढ़े लिखे बच्चियों को भी कौशल विकास प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ने का काम किया जा रहा है। बच्चियों को अपने गांव में ही रोजगार मिले, सरकार इसकी पूरी व्यवस्था कर रही है। आठ-दस हजार की नौकरी के लिए बच्चियों को पलायन करना पड़ता है। बाहर के राज्यों में इन बच्चियों के साथ आर्थिक और शारीरिक रूप से शोषण भी किया जाता है। पलायन के इस कलंक को झारखंड से पूर्ण रूप से मिटाना है।
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इस अवसर पर महिला स्वयं सहायता समूह की श्रीमती रंजना देवी ने टपक सिंचाई के तहत हो रही फायदों को मुख्यमंत्री के समक्ष साझा किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि टपक सिंचाई के माध्यम से इस वर्ष उन्होंने गोभी की खेती में अच्छी कमाई की है। उन्होंने मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार कृषि के क्षेत्र में किसानों के हित के लिए अच्छा कार्य कर रही है।