हेल्थ सेक्टर में झारखंड सरकार की पहल को मुख्यमंत्री रघुवर ने बताया

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झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास

स्वास्थ्य और संस्कृति के वाहक औषधीय पौधे विषयक संगोष्ठी

रांची। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा है कि राज्यवासियों को बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। सरकार गठन के बाद से ही राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सकारात्मक कार्य किए जा रहे हैं। गोड्डा होम्योपैथी कॉलेज का नया भवन बनकर तैयार है। जल्द ही इस कॉलेज का शुभारंभ होगा। चाईबासा में आयुर्वेदिक कॉलेज का निर्माण कार्य प्रगति पर है। गिरिडीह में यूनानी कॉलेज का भवन बनकर तैयार है। इसका संचालन पीपीपी मोड पर किए जाने की योजना है। 50 बेड के आयुष अस्पताल के लिए इटकी में 5 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। साथ ही भारत सरकार को इसके लिए प्रस्ताव भी भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सेंट्रल काउंसिल ऑफ योग एंड नेचुरोपैथी को योग संचालन हेतु रांची में जगह दी गई है। यह केंद्र एक महीने में प्रारंभ हो जाएगा। उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने रांची प्रेस क्लब में आरोग्य भारती द्वारा आयोजित स्वास्थ्य और संस्कृति के वाहक औषधीय पौधे विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहीं।

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि स्वस्थ समाज से ही समृद्ध एवं विकसित राज्य का निर्माण होगा। स्वास्थ्य चिकित्सा के क्षेत्र में राज्य सरकार का पूरा फोकस है। सरकार द्वारा देवघर में 15 एकड़ जमीन सेंट्रल काउंसिल ऑफ योग एंड नेचुरोपैथी को योग एवं नेचुरोपैथी अस्पताल की स्थापना लिए दी गई है। हेल्थ एंड वेलनेस  सेंटरों पर सेशन प्रारंभ किया गया है। श्री अरविंदो के सहयोग से रांची में योग केंद्र का संचालन किया जा रहा है। एनएचएम कैंपस में हर्बल गार्डन  को विकसित करने का कार्य प्रगति पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में आयुष के अभियान निदेशक की अध्यक्षता में एक टीम छत्तीसगढ़ के भ्रमण पर गई थी। आयुष के क्षेत्र को विकसित करना सरकार की प्राथमिकता है। नेशनल आयुष मिशन का अनुमानित बजट 28 करोड़ रुपये सरकार द्वारा रखा गया है।

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मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति देश की प्राचीन पद्धति है। मनुष्य के जीवन में बेहतर स्वास्थ्य मिल सके, इस हेतु आयुर्वेद एक महत्वपूर्ण औषधीय साधन है। हमारे देश की प्राचीन पद्धति को विदेशों में भी अब लोग ग्रहण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। झारखंड प्रदेश जंगलों और वनों का प्रदेश है। सभी पेड़-पौधों में औषधीय गुण हैं। झारखंड में जड़ी बूटियों का भंडार है। राज्य सरकार मेडिसिनल प्लांट बोर्ड को क्रियाशील करेगी। इस बोर्ड के माध्यम से आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने का काम किया जाएगा। आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने का हमारा पारंपरिक ज्ञान और तंत्र ज्ञान आज भी सुरक्षित है। आवश्यकता इस बात की है कि हम आधुनिक विज्ञान और तंत्रज्ञान का इस पारंपारिक विज्ञान और तकनीकी विज्ञान से तालमेल बिठायें और अच्छी गुणवत्ता वाले औषधीय पदार्थों का अधिक से अधिक मात्रा में उत्पादन करें। हम सबों को नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए हर संभव प्रयास करने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य मिल सके, इसके लिए सरकार, समाज और संगठन आपसी समन्वय बनाकर कार्य करें। राज्य सरकार आयुर्वेद, होम्योपैथ एवं यूनानी पद्धति  को बढ़ावा दे रही है। आयुर्वेद पद्धति सरल और सहज ढंग से लोगों तक पहुंचती है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद परिणामकारी और गुणकारी भी है। उन्होंने कहा कि राज्य में आयुर्वेद प्लांट लगाने पर सरकार ऑर्गेनाइजर संस्थान को हर संभव मदद करेगी।

वही समाज, राज्य और देश आगे बढे़गा, जिसके पास ज्ञान का भंडार होगा

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने एक अन्य कार्यक्रम में कहा कि व्यक्ति के समुचित विकास के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जरूरी है। आज के तकनीकी युग में केवल शिक्षित होने से काम नहीं चलेगा। वही समाज, राज्य और देश आगे बढे़गा, जिसके पास ज्ञान और अपनी विशिष्टताओं का भंडार होगा। झारखंड सरकार इस ओर विशेष ध्यान दे रही है। राज्य सरकार नीति आयोग के साथ समन्वय स्थापित कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा दे रही है। उक्त बातें उन्होंने जैप-आइटी के वेंडरों द्वारा चयनित अभ्यार्थियों को चयन पत्र वितरण कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि चयनित अभ्यार्थी राज्य में स्कूली शिक्षा के प्रबंधन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की स्थिति और इसमें सुधार आदि के प्रति सरकार को रिपोर्ट देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसिक विकास के लिए उसी अनुरूप शिक्षा पद्धति विकसित करने का काम कर रही है। नव चयनित अभ्यार्थी अपने ज्ञान और आइडिया का उपयोग कर शिक्षा व्यवस्था सुधारने में सहयोग करें। सभी को इस काम का बीड़ा उठाना है। गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन की कमी को पूरा करके ही हम अपने राज्य को आगे बढ़ा सकेंगे।

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