चिदंबरम और सलमान खुर्शीद जैसे नेताओं का विश्वास अपने युवराज पर से उठने लगा है
पटना। आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी हार निश्चित देख कांग्रेस में हड़कंप मचे होने की बात कहते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक श्री राजीव रंजन ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस का खेमा हार के डर से सदमे में चला गया है। यहाँ तक कि अब पी चिदंबरम और सलमान खुर्शीद जैसे उनके दिग्गज नेताओं का विश्वास अपने युवराज पर से उठने लगा है। पिछले दो दिनों में इन दोनों नेताओं ने अपने बयानों से यह साफ़ किया है कि कांग्रेस आगामी चुनावों में राहुल गाँधी को प्रधानमन्त्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश नही करने वाली।
याद रहे कि यह चिदंबरम ही थे जो पहले कई जगहों पर राहुल के समर्थन में ताल ठोकते नजर आ चुके हैं, लेकिन अब चुनावी साल में उनका पलटना कहीं न कहीं यह साबित करता है कि खुद कांग्रेसियों को भी राहुल गाँधी की नेतृत्व क्षमता पर विश्वास नही है। और, अगर बतौर नेता राहुल के कैरियर को देखें तो कांग्रेस की जितनी दुर्गति इनके काल में हुई है, वैसी कभी नही हुई। हकीकत में चिदंबरम और खुर्शीद के बयानों ने राहुल की नेतृत्व क्षमता को ले कर कांग्रेस के एक एक कार्यकर्ता के अंदर बैठे डर और अविश्वास को जाहिर किया है।
श्री रंजन ने आगे कहा कि कांग्रेस आज राहुल गांधी की बैशाखी पर खड़ी है, लेकिन यह हकीकत है कि राहुल ने पिछले पांच सालों में ऐसा कुछ नहीं किया है, जिससे कांग्रेस, भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती दे सके। ऐसे में महागठबंधन बनाना कांग्रेस के वजूद के लिए मजबूरी बनती जा रही है, लेकिन इसके गठबंधनों के प्रति इसके दागदार इतिहास को लेकर आज कोई भी क्षेत्रीय दल उन्हें पूछ तक नही रहा। स्थिति यह है कि आज ममता बनर्जी, मायावती, अखिलेश यादव, शरद पवार, चंद्रबाबू नायडू, चंद्रशेखर राव जैसे दिग्गज नेताओं ने विपक्ष के नेता के रूप में राहुल की भूमिका को पूरी तरह से नकार दिया है। कांग्रेसी समझ चुके हैं कि हार का रिकॉर्ड कायम कर चुके राहुल के नेतृत्व में उनका बेड़ा किसी तरह से पार नहीं होने वाला। ऐसी स्थिति में अगर कल को कांग्रेस में राहुल का विरोध बढ़ने लगे तो किसी को कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
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