धारा 370 पर दिग्विजय सिंह के बयान से कांग्रेस का ही नुकसान

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कश्मीर से धारा 370 पर बयान देकर दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस को नुकसान तो पहुंचाया ही है, कांग्रेस को कमजोर भी किया है।
कश्मीर से धारा 370 पर बयान देकर दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस को नुकसान तो पहुंचाया ही है, कांग्रेस को कमजोर भी किया है।
कर्मेंदु शिशिर
कर्मेंदु शिशिर
धारा 370 पर बयान देकर दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस को नुकसान तो पहुंचाया ही है, कांग्रेस को कमजोर भी किया है। वैसे भी कांग्रेस की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह कमजोर पड़ते विपक्षी पार्टी को फिर से उठ खड़े होने में लगातार मदद करती है। भाजपा के साथ प्रशांत किशोर की भी नई रणनीति कांग्रेस को दरकिनार करने वाली ही आने वाली है। प्रशांत किशोर कांग्रेस को हटाकर 400 सीट निकालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। 
  • कर्मेंदु शिशिर

देश के नाजुक मसलों पर एक बुद्धिजीवी की राय और एक राजनेता की राय रखने में बहुत फर्क होता है और होना भी चाहिए। राजनेता जनता के मनोभावों को भाँपकर बोलता है। अगर जनता गलत दिशा की ओर जा रही है तो भी वह बोलते समय अति सतर्कता के साथ अपनी बात कदम दर कदम रखता है। बुद्धिजीवी के लिए  ऐसी कोई बंदिश अनिवार्य नहीं होती।

राजनेता को समझना जरूरी होता है कि वह तर्कों से सामने वाले को निरुतर कर सकता है, लेकिन ऐसा वह जनता के साथ नहीं कर सकता है।एक प्रवीण राजनेता इस बात को समझता है कि उसे कब कौन सी बात कहनी है और कब चुप्पी साध जानी है। पिछले बिहार चुनाव के बाद लालू जी ने सार्वजनिक रूप से कहा कि मैंने अपने सवर्ण भाइयों को लेकर जो कहा वह चुनाव की बात है। उसे वे मन में न रखें। मेरे भीतर उनके लिए ऐसा कुछ नहीं है।

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आदमी का दिमाग अनंत तर्कों से भरा होता है। एक बार नेहरू जी ने कह दिया था कि जितने तरह के दिमाग होते हैं उतने तरह के विचार होते हैं। मुझे ऐसा लगता है दिग्विजय सिंह न्यूनतम दिमाग का भी इस्तेमाल किये होते तो वे कहते कि यह मसला संसद् से पारित होकर सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है और हम उसके निर्णय को मानने के लिए विवश हैं।

बात खत्म हो जाती। जो कांग्रेसी और बुद्धिजीवी तर्कों से 370 धारा को हटाने के विरुद्ध बोलते हैं, उससे आम जनता रत्ती भर इत्तेफाक नहीं रखती। उसके अपने तर्क हैं। वह वहाँ फैले आतंकवाद और पलायन से जोड़ कर तर्क-कुतर्क करती है। सोचिये अगर दिग्विजय सिंह मुसलमान होते तो उनके बयान का बलवा कैसा होता? कांग्रेस की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह कमजोर पड़ते विपक्षी पार्टी को फिर से उठ खड़े होने में लगातार मदद करती है।

आगे भाजपा के साथ प्रशांत किशोर की भी नई रणनीति कांग्रेस को दरकिनार करने वाली ही आने वाली है। प्रशांत किशोर कांग्रेस को हटाकर 400 सीट निकालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। उप्र और फिर 24 के परिणाम की अधीर प्रतीक्षा में देश का काफी कुछ छुपा हुआ है।

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