रांची। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि भारत में सभ्यता का आधार पर्यावरण संरक्षण रहा है। आज जलवायु की स्थिति चिंताजनक है। झारखण्ड जैसे गरीब राज्य को विकास की काफी जरूरत है। हम पर्यावरण और विकास के बीच सामंजस्य स्थापित कर पर्यावरण अनुकूल विकास पर जोर दे रहे हैं। विकसित देशों ने पहले पर्यावरण का दोहन किया और अब वे विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन के बारे में सीख दे रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण की रक्षा के लिए देश की प्रतिबद्धता जतायी है। वे झारखंड मंत्रालय में जलवायु परिवर्तनः झारखंड में चुनौतियां व अवसर विषय पर कार्यशाला में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार भी पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा व संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। इनमें बड़ी संख्या में पौधरोपण व सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना प्रमुख है। एशिया में पहली बार सौर ऊर्जा से संचालित कोर्ट की शुरुआत झारखंड से की गयी है। राज्य भर में स्कूलों, कार्यालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों, अदालतों समेत 519 सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा लगाने की योजना बनायी गयी है। राज्य में डीजल कारों के स्थान पर सरकारी विभागों को ई-वाहनों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऊर्जा विभाग ने इलेक्ट्रिक कारों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। वर्ष 2030 तक डीजल कारों में एक तिहाई कारों को हरित वाहनों में परिवर्तित करने में मददगार साबित होगा।
उन्होंने कहा कि प्रकृति की गोद में बसा झारखंड कार्बन क्रेडिट अर्जित करने और ऊर्जा तथा भूमिगत जल संरक्षण की दिशा में भी तेजी से काम कर रहा है। बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए राज्य सरकार पाठ्यक्रम में भी पर्यावरण संरक्षण विषय को शामिल करेगी।
श्री दास ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का प्रबंधन इतना आसान नहीं है, जितना यह प्रतीत होता है। यह अपेक्षा नहीं की जा सकती है कि रातोंरात लोग वैसी चीजों को छोड़ें, जिसकी लंबे समय तक करने की आदत रही है। इसके लिए दृढ़संकल्प की जरूरत है। सभी विभाग अपने-अपने स्तर पर जलवायु नियंत्रण में योगदान पर काम करें। पर्यावरण संबंधी गिरावट को रोकने के लिए पर्यावरण संबंधी जागरूकता पैदा करनी जरूरी है।
रघुवर ने निर्धारित समय में काम पूरा करने का दिया निर्देश
इससे पहले झारखंड मंत्रालय में जीआरडीए की बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि विधानसभा और हाईकोर्ट का निर्माण तय समय तक पूरा करा लें। हर माह कार्य प्रगति की समीक्षा करें। एप्रोच रोड, पानी, बिजली आदि का काम भी साथ-साथ करते रहें। कार्यस्थल पर जाकर काम भी प्रगति की जानकारी लेते रहें। पुनर्वास स्थल पर बन रहे घर का काम भी दिसंबर तक पूर्ण कर लें। इसके साथ ही सचिवालय भवन का काम शुरू करें। इससे संबंधित प्रक्रियाएं पूरी कर लें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी निर्माण से जुड़े सभी विभागों को निर्देश जारी करें कि टेंडर में तय राशि से ज्यादा खर्च करने से पूर्व विभागीय सचिव की अनुमति जरूरी है। बिना अनुमति काम करने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए।
बैठक में बताया गया कि विधान सभा का काम जनवरी तक पूर्ण कर लिया जायेगा। पुनर्वास स्थल में बन रहे 393 मकानों की ढलाई का काम कर लिया गया है। दिसंबर तक इसे पूरा कर लिया जायेगा। सचिवालय भवन के लिए कागजी प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
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बैठक में मुख्य सचिव श्री सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त श्री डीके तिवारी, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, भवन निर्माण विभाग के सचिव श्री सुनील कुमार समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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