मलिकाइन के पाती आइल बा। लिखले बाड़ी- घर फूटे, गंवार लूटे। ई कहाउत ऊ केकरा बारे में कहले बाड़ी, ई उनकर पाती पढ़ला के बाद हमरा बुझाइल हा। मलिकाइन लिखले बाड़ी- पावं लागी मलिकार! ढेर दिन हो गइल रउआ के पाती पठवले। आज दिन में आन्हीं-पानी आ ओला गिरल हा। कवनो काम ना रहल हा त पाती लिखवावे बइठ गइनी हां।
ए मलिकार, हम बोलत जाइले आ पांड़े बाबा के नतिनिया घसेटउआ मोबाइलवा (टच स्क्रीन मोबाइल को मलिकाइन इहे कहेली) पर का जाने कइसे लिख देले। मोबाइल चालू क के सामने ध देले आ कहे ले कि चाची अब रउरा बोलीं। हम बोलत जाइले आ ओइमे लिखात चल जाला। जब पाती संपर जाला त कवन दूला बटन टिप देले आ कहेले कि चल गइल चाची। इहो बता देले कि चाचा देख लिहले बानी। अइसन सचहूं होला का मलिकार?
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कइसन कइसन जंतर आ गइल। जानत बानी मलिकार, आज के ओला-आन्ही में बड़ी जियान भइल बा। आम के टिकोरा त सगरी झर गइल बा। बगइचा का ओर से पांड़े बाबा लवट के बतावत रहनी हां कि आम के टिकोरा गाछ के नीचे पटउर परल बा। गेहूं त खेते में झर गइल। ढेर दिन बाद अइसन भइल बा मलिकार।
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ए मलिकार, वोट अपना इहां अगिला महीना में बा। रउरा त वोट देबे अइबे करेब। ओही टाइम में कई गो नेवता बा। अबकी रउरो कुछ जगहा पर चल जायेब। ना अइला-गइला से हित-नात खिसिया जाला लोग। सभका ना नू बुझाला कि रउरा जिम्मे केतना काम बा। लोगवा इहो देख के समझे के तेयार ना होला कि जवन आदमी बाल-बच्चा के देखे के टाइम नइखे निकाल पावत, ऊ पहुनाईं में घूमे के टाइम कइसे निकाली।
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अबकी त गजबे भइल बा मलिकार। बुझाता कि ई वोट ना, हिन्दुस्तान-पाकिस्तान के लड़ाई होता। गांव में दूगो गिरोह बन गइल बा। एगो गिरोह मोदी जी के नाम के माला जपत बा त दोसरका लालूजी आ राहुल जी के जयकार करत बा। सबेरे-सबेरे खबर कागज पढ़े आवत बा लोग त आपस में भैंसा लड़ान होखे लागत बा।
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नरहन के नंदिनी फुआ के बड़कू दामाद आज ओह जुटान में शामिल रहुअन। नेता अइसन भासन करत रहुअन। ऊ कहत रहुअन कि कमल छाप वाला मोदी जी के पाटी लोग के खाली ठगत बिया। राम जी के मंदिर, कसमीर के नाम पर हर बेर वोट मांगत बिया कमल छाप वाली पाटी। बाकिर बनावे के बेरा ओकर अकिले हेरा जाता। ई सुनते एक जाना अउरी उनका संगे हुंकारी भरत रहुअन। कहे लगुवन कि मोदी जी के मान के मंदिर नइखे। जबले ऊ नीतीश के संगे रहिहें, तबले मंदिर बने के चानस नइखे। कसमीर के बतकही होखे भा मंदिर बनावे के, नीतीश जी टांग अड़ा देले।
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एगो अउरी बात पूछे के रहल हा मलिकार। लालू के दूनू बेटवन में बेपटरी हो गइल बा का मलिकार। ई त पहिले जरूर सुनले रहनी कि बड़का बेटवा अपना मउगी के तिलाक देबे खातिर कचहरी में केस कइले बा। राबड़ी देवी ओकरा मेहररुआ के अपना संगे रखले बाड़ी। बेटवा घर छोड़ के फरका अकेले रहत बा। अब सुने में आवता कि छोटका भाई के खिलाफ बड़का वोट में आपन आदमी खड़ा कइले बा। पहिले त अइसन लालू के पाटी के हवा रहल हा कि बुझात रहल हा झार के सगरी वोटवा लालू के पाटी के पर जाई। अब सुनाता कि आपसे में भाई-भाई मार काट मचवले बाड़े सन। एही के कहल जाला मलिकार कि घर फूटे त गंवार लूटे। बाकी बाद में लिखवायेब, छउंड़ी के टीसन पढ़े जाये के टाइम हो गइल बा। बेर-बेर ऊ इशारा करत बिया।
राउर, मलिकाइन
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