केजरीवाल को कम कूतने की जो कोशिश कर रहे हैं, वे धोखा खा सकते हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने कामों से दिल्ली के लोगों का दिल जीत रहे हैं। ऐसा मानना है वरिष्ठ पत्रकार निशीथ जोशी का। उन्होंने अपने फेसबुक वाल पर लिखा हैः
पिछले कुछ समय से समीक्षा करने में जुटा हूं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर। उनका बदला हुआ काम करने का अंदाज और दिल्लीवासियों पर ध्यान केंद्रित करना एक सुखद अहसास है। केजरीवाल जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अनाप शनाप बोलने की बीमारी से खुद को बाहर ले आए हैं उसने केजरीवाल के व्यक्तित्व को पूरी तरह बदल कर रख दिया है। अब केजरीवाल को उस काम के लिए अधिक समय मिल रहा है जिसके लिए दिल्ली की जनता ने उनको और आम आदमी पार्टी को ऐसा बहुमत दिया था जिसने दिल्ली के चुनावी इतिहास और गणित को बदल कर रख दिया था।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के पहले अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की समस्याओं को हल करने, दिल्ली वासियों को अधिकाधिक सुविधाएं देने का जो अभियान छेड़ा है वह बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए चिंता और परेशानी का सबब बनता जा रहा है। चाहे दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बदले हालातों और शिक्षा की गुणवत्ता की बात हो या फिर मोहल्ला क्लीनिक में इलाज की व्यवस्था का केजरीवाल की सरकार का काम नजर आने लगा है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में जो बदलाव आया है उससे सभी राज्यों को सबक लेनी की जरूरत है।
बिजली के दामों जो राहत दिल्ली के निवासियों को दी गई है वह अकल्पनीय है। किरायेदार के लिए भी मीटर लगवाने की व्यवस्था ने केजरीवाल की राजनीतिक समझ को दर्शाया है। यह उनके लिए विधान सभा चुनाव में एक बड़े वोट बैंक का काम करेगा। अरविंद केजरीवाल के साथ यहां मनीष सिसोदिया को भी पूरे नंबर दिए जाने चाहिए।
अगर आम आदमी पार्टी को केजरीवाल सियासत की इस पटरी पर दौड़ा सके कि जनता के लिए काम करते रहें, कोई कुछ भी कहे कितना भी उकसाने की कोशिश करे उसकी अनदेखी कर अपने काम में लगे रहे तो देश की राजनीति में भविष्य में कुछ नया और बड़ा करने की इबारत लिखने का काम शुरू कर देंगे। क्योंकि उनकी ऊर्जा सकारात्मक कार्य में लगी रहेगी कौन क्या और क्यों कर रहा है यह जनता जानती समझती है। अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह से डेंगू के खतरे के प्रति दिल्ली के लोगों को जागरूक किया, उनकी भागीदारी करवाई उसने दिल्ली को बचाया है। इसके लिए उनको पूरे नंबर देने ही होंगे।
क्योंकि इस समय हम देहरादून में हैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के डेंगू को लेकर कुतर्क और मौत आंकड़ों को गलत ठहराने के उनके प्रयास ने यहां की बीजेपी सरकार की छवि को जनता की नजर में गिराया है। जब गढ़वाल के पर्वतीय इलाकों से भी डेंगू के मरीजों और मौत की खबर अा रही है ऐसे में सबकुछ मीडिया और विपक्ष पर थोप कर फिलहाल तो बचा जा सकता है पर भविष्य के लिए यह दिक्कत पैदा करता है। डेंगू पर केजरीवाल से उत्तराखंड को सीखने की जरूरत है।
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