वाराणसी (हरेन्द्र शुक्ला)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय चिकित्सा विज्ञान संस्थान के मेडिसिन विभाग के प्रख्यात मधुमेह विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक पाण्डेय को न्यू ओर्लिअन्स, लुइसिआना, यूएसए में होने वाले “इंडो 2019” में बतौर फ़ैकल्टी आमंत्रित किया गया है। डॉ. अभिषेक मधुमेह से जुड़ी अपनी रिसर्च, ऑब्जरवेशन और अनुभवों को साझा करेंगे। इस बाबत डा. अभिषेक पाण्डेय ने बताया कि भागदौड़ की ज़िन्दगी में लोगों की दिनचर्या, खानपान में गडबडी हो रही है। इसके चलते लोग डायबिटीज के ज्यादा शिकार हो रहे हैं। इससे बचने के लिए लोगों को खानपान के साथ ही दिनचर्या पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है।
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इस वर्ष यह सम्मेलन 23 से 26 मार्च तक अर्नेस्ट एन मोरिअल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया है। इस अवसर पर दुनिया भर के चिकित्सा संस्थानों से आये विशेषज्ञ चिकित्सक “इंडो 2019” इंडोक्राइन से जुड़ी समस्याओं के विभिन्न आयामों पर चर्चा करेंगे।
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पिछले साल नेशनल न्यूट्रिशन बोर्ड द्वारा कराये गये एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण में यह तथ्य उजागर हुआ है कि अकेले बिहार में 16 से 22 फीसद लोग उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेसर) से पीड़ित हैं। राष्ट्रीय स्तर पर तैयार इस रिपोर्ट के मुताबिक शहरी इलाकों में उच्च रक्तचाप से पीड़ितों की तादाद पुरुषों में 31 प्रतिशत, जबकि महिलाओं में 26 फीसद है। नेशनल न्यूट्रिशन मानिटरिंग ब्यूरो (एनएनएमबी) भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के तहत आता है। केरल में हाई बीपी मरीजों की संख्या सर्वाधिक 31 से 39 फीसद है। ये आंकड़े 2016-17 के हैं।
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रिपोर्ट का सबसे खतरनाक संकेत बिहार के लिए यह है कि यहां डायबिटीज के शिकार बच्चों की संख्या 8 फीसदी है। दिल के मरीजों की संख्या 5 से 6 प्रतिशत है। बिहार में इस स्थिति को खतरनाक मानते हैं डाक्टर। बच्चों में जंक फूड और पैकेट बंद खाने की बच्चों में बढ़ती आदत और अभिभावकों द्वारा इसके लिए प्रोत्साहन जिम्मेवार है।
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