- डी. कृष्ण राव
कोलकाता। सुरक्षा के तमाम तामझाम के बावजूद बंगाल में चुनावी हिंसा हुई। तीसरे चरण में बंगाल के 3 जिलों की 31 सीटों पर मारपीट व हिंसा के बीच वोट डाले गये। चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने के लिए चुनाव आयोग की ओर से तामझाम की कमी नहीं थी। इस चरण में कुल 3 जिलों की 31 सीटों के लिए 618 कंपनी सीआरपीएफ, 914 माइक्रो ऑब्जर्वर, 22 मुख्य आब्जर्वर, 7 पुलिस आब्जर्वर, 1694 सीसीटीवी कैमरे के अलावा सभी 10871 मतदान केंद्रों पर धारा 144 लगायी गयी थी। लेकिन आज भोर से ही चुनाव खत्म होने तक 3 लोगों की हत्या हुई, 4 उम्मीदवारों पर गांव के लोगों ने हमले किये। इनमें एक उम्मीदवार को खेत में घसीट कर डंडे से पीटा गया। उलुबेरिया में एक तृणमूल नेता के घर से गांव वालों ने चार ईवीएम किये। इसके अलावा एक उम्मीदवार के चुनाव एजेंट का सिर फोड़ने, वोट देने पहुंची महिला का कान काटने, भाजपा कार्यकर्ता के पिता का पैर काटने समेत सैकड़ों घटनाएं हुईं। एक बार फिर यह आरोप साबित हुआ कि बंगाल में वोट शांतिपुर्ण होना संभव नहीं।
आज सुबह 177 नंबर उलुबेरिया उत्तर विधानसभा क्षेत्र के सेक्टर ऑफिसर को गांव वालों ने चार ईवीएम के साथ स्थानीय एक तृणमूल नेता के घर से पकड़ लिया। पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। इस घटना के बाद चुनाव आयोग हरकत में आया। तुरंत चारों ईवीएम को जप्त किया गया और उस ईवीएम को चुनाव से बाहर रखने के आदेश हुआ। इस घटना से जुड़े पांच लोगों को सस्पेंड किया गया है, जिनमें सेक्टर ऑफिसर तपन सरकार, गुड़िया के आईसी सुजीत चक्रवर्ती शामिल हैं।
तीसरे चरण के चुनाव में अभी तक 3 लोगों की हत्या की खबर आई है। भाजपा का आरोप है कि हुगली जिला के गौघाट विधानसभा क्षेत्र के बदनगंज में कल रात तृणमूल कांग्रेस के कई लोग भाजपा कार्यकर्ता पीरु आदित्य के घर पहुंचे और उसे पीटना शुरू किया। मतदान न करने की धमकी दे रहे थे। उस समय पीर आदित्य की मां माधवी देवी बीच-बचाव करने पहुंचीं तो उनके पेट में चाकू घोंप दिया गया। उन्होंने मौके पर दम तोड़ दिया।
आज सुबह मतदान के दौरान गौघाट के तृणमूल अध्यक्ष सुनील कर की लाश बरामद हुई। तृणमूल का आरोप है कि मतदान कर वापस जाते समय भाजपा के लोगों ने उनकी हत्या कर दी। बीरभूम के दुबराजपुर में तालाब के बगल में भाजपा के कार्यकर्ता का शव बरामद हुआ। इसके पहले हुई दो चरणों की वोटिंग में दोनों पार्टी के आरोपों के मुताबिक 4 लोगों की मृत्यु हुई थी। चुनाव घोषणा होने के बाद से अब तक पूरे बंगाल में 19 लोगों के मारे जाने की जानकारी मिल रही है। इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि चुनाव आयोग की लाख कोशिश के बावजूद चुनाव हिंसामुक्त कराना संभव नहीं।
इस हाई वोल्टेज चुनाव में आज सुबह से तृणमूल कांग्रेस व भाजपा के कुल 5 उम्मीदवारों पर हमला किया गया। पहली घटना आरामबाग विधानसभा क्षेत्र के अरंडी ग्राम पंचायत के 263 नंबर बूथ पर पहुंचते ही तृणमूल उम्मीदवार सुजाता मंडल को लेकर पूरे गांव में अशांति फैल गई। भाजपा की ओर से आरोप लगाया गया कि गांव के लोगों के घर में घुस के सुजाता मंडल और उनके लोगों ने गांव वालों को धमकाना और डराना शुरू कर दिया। गांव के लोगों ने इस पर डंडा, कटारी लेकर हमला बोल दिया। मंडल का आरोप है कि उनके सर पर तो डंडा भी मारा गया। सुजाता मंडल को बचाने के लिए उनके बॉडीगार्ड को रिवाल्वर निकालना पड़ा तो गांव के लोगों ने गुस्से में आकर खेतों के बीच से उस को भगाना शुरू कर दिया। अरंडी ग्राम पंचायत के सामने आकर सुजाता देवी धरना पर बैठ गईं। बाद में विशाल सुरक्षा बल घटनास्थल में पहुंचा और उन्हें वहां से निकाला। वापस जाते समय भी गांव वालों ने उन पर हमला किया। उनकी गाड़ी पर पथराव किया। इस घटना के विरोध में तृणमूल नेता फिरहाद हकीम ने चुनाव आयोग और विशेष पुलिस निरीक्षक से फोन पर कंप्लेंट किया है।
दूसरी घटना हुगली के खानाकुल विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल उम्मीदवार नाजिम उल हक के साथ हुई। उनके पहुंचते ही गांव वालों ने घेरकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद गुस्से में आकर गांव वालों ने उन्हें जमीन पर घसीट कर मारा। उनके बॉडीगार्ड और सुरक्षा बल के लोगों ने वहां से उनको निकालकर सुरक्षित गांव के बाहर पहुंचाया। चुनाव आयोग ने इस घटना की पूरी रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद उलुबेरिया उत्तर विधानसभा क्षेत्र के तृणमूल उम्मीदवार तथा राज्य के पूर्व मंत्री निर्मल माझी को गांव के लोगों ने गांव में घुसने नहीं दिया। लोग उन पर जूता-चप्पल और ईंट-पत्थर फेंकने लगे। उन्हें बचाने के लिए सुरक्षा में जुटे पुलिस वालों ने हेलमेट पहना कर वहां से निकाला। उलुबेरिया दक्षिण के भाजपा उम्मीदवार को तृणमूल के लोगों ने उलुबेरिया अस्पताल में जमकर पीटा। इसके अलावा फलता के भाजपा उम्मीदवार विधान पाडु पर पथराव किया। इसके अलावा पापिया अधिकारी के चुनावी एजेंट, तारकेश्वर में भाजपा उम्मीदवार सपन दासगुप्ता के चुनावी एजेंट को मारकर सर फोड़ दिया गया।