भाजपा प्रवक्ता राजीव रंजन ने किया दावा, कहा- सर्वे में हुआ खुलासा
पटना। केंद्र की योजनाओं से देश के पिछड़े इलाकों में बिजली और गैस कनेक्शन की स्थिति में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। पिछड़े कहे जाने वाले इलाकों में बिजली और गैस कनेक्शन से रोशनी फैल रही है। यह दावा करते हुए भाजपा के बिहार प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक श्री राजीव रंजन ने कहा कि आजादी के 70 वर्षों के बाद भी बिजली और रसोई गैस जैसी बुनियादी सुविधाओं से महरूम लोगों को इन सुविधाओं का लाभ दिलाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी ‘सौभाग्य’ और ‘उज्ज्वला’ योजनाओं का असर अब धरातल पर साफ़ दिखने दिखने लगा है। श्री रंजन ने कहा कि सौभाग्य योजना के तहत देश के 15 राज्यों के सभी घरों में बिजली पंहुच गयी है। हर गांव में बिजली पहुंचाने के बाद अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार हर घर को रौशन करने की मुहिम चला रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 25 सितंबर, 2017 को प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना ‘सौभाग्य’ की शुरुआत की थी। हालांकि इसके तहत मार्च 2019 तक सभी घरों को बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन मोदी सरकार लक्ष्य से काफी पहले दिसंबर, 2018 तक सभी घरों में बिजली पहुंचा देना चाहती है। इस योजना के अंतर्गत आठ और राज्यों में सभी घरों तक बिजली पहुंचाने के साथ ही कुल 15 राज्यों में सभी घरों में बिजली पंहुचाने का लक्ष्य शत-प्रतिशत हासिल कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि इन राज्यों में- बिहार, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, बिहार, जम्मू-कश्मीर, मिजोरम, सिक्किम, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इस योजना के तहत अब तक 2.10 करोड़ कनेक्श न जारी किए गए हैं और विदयुतीकरण की वर्तमान गति को देखते हुए इस वर्ष के अंत तक देश के सभी घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि केंद्र की इन महत्वाकांक्षी योजनाओं से देश के सबसे पिछड़े 6 राज्यों में ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर-सीईईडब्ल्यू- नाम की स्वतंत्र संस्था के एक सर्वे के मुताबिक बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के करीब सवा तीन करोड़ परिवारों में रसोई गैस और बिजली की स्थिति बेहतर हुई है। संस्था ने तीन साल पहले वर्ष 2015 में इन 6 राज्यों के 54 जिले के 756 गांवों के 9000 से ज्यादा परिवारों के बीच एक सर्वे किया था।
इन्हीं इलाकों में तीन साल बाद वर्ष 2018 के मध्य में भी एक सर्वे किया गया। एजेंसी ने पाया कि इन क्षेत्रों में बिजली और रसोई गैस के कनेक्शन की स्थिति में काफी सुधार आया है। इस आकलन से साफ़ है कि वर्तमान सरकार की प्रतिबद्धता से वर्षों तक हाशिए पर रहे लोगों की स्थिति में अपेक्षाकृत सुधार हुआ है।
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