पटना। बिहार में 8.42 करोड़ रुपये की लागत से सभी मेड़िकल कालेजों में आई बैंक खोला जा रहा है। यह जानकारी राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दी। ‘दधीचि देहदान समिति’ बिहार के 5 देशरत्न मार्ग स्थित आवास पर आयोजित प्रथम राज्यस्तरीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि 8.42 करोड़ के लागत से बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में आई बैंक स्थापित हो रहा है। देहदानी परिवारों को एक लाख रुपये देकर दधीचि देहदान समिति सम्मानित करेगी।
उन्होंने बताया कि आईजीआईएमएस में अबतक 441 तथा पीएमसीच में 45 नेत्रदान हुआ है। भागलपुर व गया मेडिकल काॅलेज अस्पताल में आई-बैंक स्थापित हो चुका है। शेष बचे सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 3-4 महीने में आई बैंक प्रारंभ हो जाएगा। समिति के प्रयास से अन्तरज्योति बालिका विद्यालय, कुम्हरार, पटना के 3 नेत्रहीन बच्चियों का सफल नेत्र प्रत्यारोपन हुआ। उन्होंने दधीचि देहदान समिति की ओर से ब्रेनडेथ व्यक्ति का देहदान करने वाले परिवारों को 1 लाख रुपया के साथ सम्मानित करने की घोषणा की।
श्री मोदी ने कहा कि विज्ञान के तमाम तरक्की के बाद भी कृत्रिम आंख, हृदय, लीवर व किडनी नहीं बनाया जा सकता है। 2018 में देश में 1.51 लाख लोग दुर्घटना में असमय मरे। दुर्घटनाग्रस्त ब्रेनडेथ व्यक्ति का ही अंग प्रत्यारोपन हो सकता है। जीवित व्यक्ति रक्तदान व मृत्यु उपरांत शरीर व नेत्रदान कर हम न केवल दूसरों की जिन्दगी बचा सकते हैं बल्कि स्वयं भी अमरत्व को प्राप्त कर सकते हैं। गीता के माध्यम से उन्होंने बताया कि आत्मा अमर है मगर शरीर तो नश्वर है। फिर इस नश्वर शरीर से मोह और ममत्व कैसा?
हमारी संस्कृति में दान की अदभुत परंपरा रही है। महर्षि दधीचि ने असुरों के संहार हेतु देवताओं को बज्र के लिए अपना शरीर दान किया था। शरणागत कबूतर के रक्षार्थ राजा शिबी ने अपने जांध के मांस को काट कर दिया। दानवीर कर्ण ने कवच-कुंडल, राजा हरिश्चंद्र ने स्वप्न को सच मान कर विश्वामित्र को राजपाट, शिव की अराधना में विष्णु ने अपनी एक आंख निकाल कर अर्पित कर कमलनयन कहलायें।
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दधीचि देहदान समिति का शुभारंभ आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने की थी। आज इसका विस्तार बिहार के सभी जिले में हो गया है। पीड़ित, दुःखी, जरूरतमंदों की सेवा में तत्पर रहने वाले समाज के सच्चे रहनुमाओं को सम्मानित कर हमें उनके निःस्वार्थ कार्य व सेवा भावना से प्रेरणा मिलेगी।
सम्मेलन को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, समिति के सचिव विमल जैन, डा. सुभाष प्रसाद, प्रदीप चैरसिया, संजीव यादव, सुनील कुमार पूर्वे, डा. विभूति प्रसन्न सिंह, डा. राजीव सिंह व डा. निलेश मोहन आदि ने सम्बोधित किया। इस मौके पर रक्तदान, अंगदान, समाज सेवा व जनजागरूकता आदि के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले मुकेश हिसारिया, डा. अभिषेक रंजन, प्रदीप केसरी, मीना सिंह, अमित कुमार सोनी, मारूति नंदन, ब्रिजेश कुमार, डा. राखी कुसुमेष, ऋषिकेश सिंह, साधना सिंह, केसरी देवी अग्रवाल, निलेश कुमार वर्मा व कान्ता अग्रवाल को समिति की ओर से सम्मानित किया गया। सम्मेलन में शामिल होने वाले प्रमुख लोगों में विधायक संजीव चैरसिया, सोलिसिटर जेनरल एस डी संजय, विवेक झुनझुनवाला, प्रो. आर के सिन्हा, शैलेश महाजन, विनिता मिश्रा, सुषमा साहू, लाजवंती झा, रविरंजन आदि प्रमुख थे।