किसान वोट बैंक नहीं, बल्कि अन्नदाता हैंः प्रधानमंत्री

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  • प्रधानमंत्री 6 सिंचाई व पेयजल योजनाओं का ऑनलाइन शिलान्यास किया
  • प्रधानमंत्री ने लगभग 3, 682.06 करोड की 6 योजनाओं का किया शिलान्यास
  • प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य के 25 हजार का एक साथ गृह प्रवेश
  • प्रधानमंत्री ने कहा- किसानों को कर्ज लेनेवाला नहीं, देनेवाला बनना है
  • प्रधानमंत्री ने कहा- हम किसानों को वोट बैंक नहीं, अन्नदाता समझते हैं
  • यह वादा रहा- 2022 तक सभी को पक्का मकान दिला कर दम लेंगे

मेदनीनगर झारखंड)। किसानों की समृद्धि के लिए आजादी के बाद से क्या प्रयास हुए, इसकी गवाही यह मंडल डैम दे रहा है। आधी सदी गुजर गई और मंडल डैम आज खंडहर में बदल गया। 1972 से डैम निर्माण हेतु चली फ़ाइल भटकती रही। उसके बाद 25 साल से यह कार्य पूर्ण रूप से ठप्प पड़ गया। क्या अगर इस डैम का निर्माण होता तो किसान कर्जदार बनता। साथ ही 30 करोड़ की योजना 2 हजार करोड़ तक नहीं पहुंचती। यह किसानों के प्रति किया गया अपराध है। क्योंकि पूर्व की सरकार ने किसानों को वोट बैंक के तौर पर देखा, लेकिन वर्तमान सरकार किसानों को वोट बैंक नहीं, अन्नदाता समझती है। उक्त बातें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहीं। श्री मोदी शनिवार को पलामू के मेदिनीनगर स्थित चियांकी हवाई अड्डा में उत्तर कोयल (मंडल डैम) अपूर्ण कार्य के शिलान्यास समारोह में बोल रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि झारखण्ड और बिहार सरकार, चतरा सांसद, पलामू सांसद, औरंगाबाद सांसद को बधाई। आप खुद दौड़े और मुझे भी दौड़ाया, जिसका परिणाम है, आज मैं इस मंडल डैम समेत 6 सिंचाई और पेयजल आपूर्ति योजनाओं का शिलान्यास कर रहा हूं। वीर प्रभुता की इस धरती को नमन। नीलाम्बर पीताम्बर को नमन। उमंग उत्साह के साथ आप मुझे आशीर्वाद देने आए लाखों लोगों को नमन।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि 40 साल से किसानों की समृद्धि की 99 योजनाएं अटकी थीं। जिसे वर्तमान सरकार द्वारा 90 हजार करोड़ की लागत से पूर्ण किया जा रहा है। यह हमारी कार्यप्रणाली है। किसानों को खुश करने, उनकी एक पीढ़ी को लाभ देने के लिए सरकार उक्त राशि को किसानों के बीच बांट देती, लेकिन सरकार ने उनकी समृद्धि और आने वाली पीढ़ी के संबंध में सोचा। यही वजह रही कि इन योजनाओं को अमली जामा पहनाया जा रहा है, ताकि देश का किसान कर्ज लेनेवाला नहीं, कर्ज देने वाला बने। उन्हें ताकतवर बनाना है। किसानों के सशक्तीकरण के लिए बीज से बाजार तक कार्य किया जा रहा है। क्योंकि कुछ लोग कर्ज माफी के नाम पर किसानों को बहला रहे हैं। ऐसे लोगों ने कभी मंडल डैम के संबंध में नहीं सोचा। अगर डैम बना होता तो किसान कर्जदार नहीं होता। उनको तो पता भी नहीं होगा कि यह कोयल किसी सिंचाई परियोजना का नाम है या पंछी का।

श्री मोदी ने कहा कि 2014 से पूर्व 5 साल के कार्यकाल के दौरान पूर्व की सरकार ने 25 लाख घरों का निर्माण गरीबों के लिए किया, लेकिन 2014 के बाद इस सेवक ने 5 साल में 1 करोड़ 25 लाख घरों का निर्माण कराया है। यह वर्तमान सरकार का वादा है कि 2022 तक सभी गरीब को गुणवत्तापूर्ण पक्का मकान उपलब्ध कराया जाएगा। वर्तमान सरकार ने नाम के लिए नहीं, काम के लिए झगड़ा करती है। किसी परिवार के नाम पर आवास देने की प्रक्रिया को हमने बंद किया। अब कोई भी सरकार आएगी तो यह प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम से जाना जायेगा। इस सरकार में दलालों और बिचौलियों की कोई जगह नहीं है।

देश की महिलाओं के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए उनके नाम पर 12 माह के अंदर आवास का निर्माण पूर्ण करने का कार्य हो रहा है। आज झारखण्ड के 25 लाख गरीब लोगों को गृह प्रवेश करा मैं आह्लादित हूं। 2011 की जनगणना के अनुसार सभी गरीबों को आवास उपलब्ध कराना सरकार का लक्ष्य है। गरीबों को आत्मसम्मान और आत्मविश्वास से लबरेज करना सरकार का लक्ष्य है। इस बात की भी खुशी है कि हमारी माता और बहनें अब घर की मालकिन बन रहीं हैं, क्योंकि उनके नाम पर ही आवास का आवंटन ग्राम सभा के माध्यम से किया जा रहा है।

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प्रधानमंत्री ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ झारखण्ड की धरती से हुआ। योजना के 100 दिन होने के बाद 7 लाख लोगों को योजना का लाभ मिला। हर दिन 10 हजार लोग योजना के दायरे में आ रहें हैं। झारखण्ड के 28 हजार लोगों ने योजना का लाभ लिया।

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इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि 47 साल से लंबित मंडल डैम योजना को पुनः प्रारम्भ कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पलामू की धरा को धन्य कर दिया। इस योजना के अपूर्ण कार्य का शुभारंभ करने के लिए प्रधानमंत्री जी, चतरा सांसद, पलामू सांसद, औरंगाबाद सांसद को नमन। इस योजना से झारखण्ड और बिहार के किसानों को लाभ होगा। झारखण्ड की 19, 604 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। प्रधानमंत्री जी के प्रयास से पलामू को पलायन के अभिशाप से मुक्ति भी मिलेगी।

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