- राणा अमरेश सिंह
पटना। हिंदी पट्टी के हालिया विधानसभा चुनावों में किसानों की कर्ज माफी नीति का रंग चोखा होते देख बिहार के किसानों को 2019 लोकसभा चुनाव से पूर्व ऐसी घोषणा की आशा थी, लेकिन टीवी पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंटरव्यू सुन कर किसानों में निराशा छा गई। कर्ज माफी की घोषणा की आस लगाए किसान राजग सरकार को कोसते नजर आये। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस की कर्ज माफी की नीति को चुनावी स्टंट बता कर किसानों की आशा पर तुषारापात कर दिया। उन्हें अब राजग नहीं, बल्कि कांग्रेस सरकार से कर्ज माफी की आस बंधी है। हालांकि कुछ किसान फिलहाल ऋण चुकाने को लेकर असमंजस में हैं। दूसरी ओर कड़वी सच्चाई यह भी है कि चालू तिमाही में बैंकों में कर्ज वापसी की दर करीब शून्य पर अंटकी पड़ी है।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों में भाजपा को मिले करारा झटके से किसान खुश नजर आ रहे थे। समर्थन मूल्य से कम पर फसलों को बेचने से किसानों के भीतर काफी आक्रोश व गुस्सा था। अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी किसानों को कर्ज माफी की घोषणा की उम्मीद थी। चूंकि दो साल में हुए आठ विधान सभा चुनावों में किसानों के कर्ज माफ करने वाले दलों की ही सरकारें बनीं। इससे शाहाबाद जोन के किसानों को भी नरेंद्र मोदी द्वारा कर्ज माफी की घोषणा की आशा थी।
नरेंद्र मोदी के समर्थक किसान भी अब आगामी लोस चुनाव में राहुल गांधी से उम्मीद कर रहे हैं। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अधिकतर किसान कर्ज बैंकों से नहीं, बल्कि साहुकारों से लेते हैं। उन्होंने कांग्रेस के किसानों की कर्ज माफी घोषणा को झूठ बोल कर गुमराह करनेवाला बताया।
रोहतास जिले के दिनारा थाने के गया यादव ने बताया कि बढ़ती महंगाई के बावजूद फसल का लागत मूल्य से कम पर बिकना किसानों को कर्ज के जंजाल में फंसाने जैसा है। स्थानीय बैंकों से किसानों कर्ज लिए हैं। कई किसान बेटी की शादी, बीमारी और बच्चों की पढ़ाई के कारण कर्ज के जंजाल में फंसे हुए हैं। बैंकों के कर्ज चुकता नहीं होने के कारण वे किसानों को नये कर्ज देने से मना कर रहे हैं। कमोबेश यही हाल स्थानीय सभी बैंकों की है। दूसरे किसान भूखी यादव ने बताया कि अगले चुनाव में राहुल गांधी बिहार के किसानों की कर्ज माफी की अवश्य घोषणा करेंगे। यादव ने कहा कि जो कर्ज माफी की घोषणा की बात करेगा, वही दिल्ली में राज करेगा।
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रोहतास के ही राजपुर दिनारा स्थित भोजपुर-रोहतास ग्रामीण बैंक के एक कर्मी ने बताया कि 99 फीसदी ऋण किसान क्रेडिट कार्ड से लिया गया है। हरेक साल जनवरी से मार्च तक ऋण रिकवरी कुछ न कुछ हो जाती थी, लेकिन इस साल तो नहीं के बराबर है। उन्होंने बताया कि राज्यों में किसानों की कर्ज माफी की घोषणा का यह प्रभाव है।
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