पटना। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में वर्ष 2019-20 के बजट के पूर्व प्रथम बैठक का आयोजन पुराना सचिवालय के सभागार में किया गया जिसमें पंचायती राज तथा नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्रीगण, राज्य के विभिन्न नगर निकायों एवं पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधिगण एवं अन्य लोग उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि एक-एक करोड़ रुपये की लागत से 1050 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 250 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण प्रक्रियाधीन है।
बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओ ंको 13वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित 4922 करोड़ रू0 की राशि से लगभग 4 गुणा अधिक 14,649 करोड़ 14वें वित्त आयोग द्वारा चार वर्षों में उपलब्ध करायी गई है।इसके अलावा पंचम वित्त आयोग द्वारा 8207 करोड़ की राशि दी गयी है। इसी प्रकार शहरी निकायों को 13वें वित्त आयोग द्वारा 551 करोड़ जबकि 14वें वित्त आयोग द्वारा 4 वर्षों में 1857 करोड़ और पंचम राज्य वित्त आयोग द्वारा 2229 करोड़ दिया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि एक-एक करोड़ रुपये की लागत से 1050 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 250 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण प्रक्रियाधीन है। शहरी व ग्रामीण निकाय के प्रतिनिधियों के भत्ता में 2015 में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गयी थी। इसके अलावा 01 अक्तूबर, 2018 से दुर्घटना मृत्यु की स्थिति में 5 लाख का अनुदान देने का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि तकनीकी एवं अन्य कर्मियों की कमी को दूर करने हेतु उनकी बहाली की प्रक्रिया जारी है। प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि सरकार 15 वें वित्त आयोग से जिला परिषद व पंचायत समितियों को राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध करें क्योंकि 14 वें वित्त आयोग ने इनके लिए राशि का प्रावधान नहीं किया था।
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शहरी व ग्रामीण निकाय के प्रतिनिधियों ने भत्ते में बढ़ोत्तरी, कचरा निष्पादन हेतु भूमि का आवंटन, बंद चापाकलों को चालू कराने, कर संग्रह हेतु आवश्यक नियमावली लागू करने, ग्राम सभा को सशक्त करने, पेयजल की समस्या का निदान व जल जमाव की समस्या दूर करने से संबंधित सुझाव दिए।
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सुशील मोदी के ट्वीट
- ऊंची जाति के लोगों से द्वेष रखने और भूराबाल साफ करने जैसे अमर्यादित बयान देने वाले लालू प्रसाद के निर्देश पर राजद के सांसदों ने संसद के दोनों सदनों में आर्थिक आधार पर सवर्णों को रिजर्वेशन देन वाले बिल का विरोध किया। पार्टी के सांसद – प्रवक्ता ने तथ्य, एसएमएस के आधार पर दावा किया है कि रिजर्वेशन का विरोध करने में न कोई गलती हुई, न यह फैसला हड़बड़ी में हुआ। अब रघुवंश प्रसाद सिंह, जगदानंद और शिवानंद तिवारी जैसे सवर्ण नेता बतायें वे किस मुंह से ऊंची जातियों का वोट मांगने जाएंगे? बोले सुशील मोदी- महागठबंधन में केवल गांठ ही गांठ
- जात-पात के नाम पर गराबों को धोखा देकर सत्ता में आने पर घोटाले करने और बेनामी सम्पत्ति बनाने वाली पार्टी जो कभी लाठी में तेल पिलाने की बात करती थी, चरवाहा विद्यालय खोलवाती थी और सूचना तकनीक को आईटी-वाईटी बताकर मजाक उड़ाती थी, उसके वारिस आज जब सोशल मीडिया पर चौपाल लगाकर अपने दल को कलम और लैपटाप वाली पार्टी बता रहे हैं, तब उन पर कौन भरोसा करेगा?
- जिनके माता-पिता के राज में बिहार सरकार के पास कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे नहीं होते थे और बिक्री कर के संग्रह से मात्र 2000 करोड़ रुपये प्राप्त होते थे, वे एनडीए सरकार पर खजाना खाली होने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि आज केवल बिक्री कर से सरकार को 24 हजार 400 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है और 6 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को वेतनमान मिल रहा है। आर्थिक विकास हो या रिजर्वेशन, राजद किसी भी मुद्दे पर कभी विश्वसनीय दल नहीं रहा।
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