बजट बनाने के पहले रायशुमारी करेगी बिहार सरकारः उपमुख्यमंत्री

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कोरोना संकट पर बीजेपी कार्यकर्ताओं से उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने टेली कान्फ्रेंसिंग से 19 सत्रों में तकरीबन 27  घंटे तक बातचीत की।
कोरोना संकट पर बीजेपी कार्यकर्ताओं से उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने टेली कान्फ्रेंसिंग से 19 सत्रों में तकरीबन 27  घंटे तक बातचीत की।

पटना। पूर्व के वर्षों की भांति इस वर्ष भी बजट-2019-20 की तैयारी के लिए पहली रायशुमारी उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में नगर निकाय व पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ गुरुवार (17 जनवरी, 2019) को पुराना सचिवालय स्थित सभा कक्ष में की जायेगी। इसके अलावा 3 अलग-अलग समूहों वाणिज्य-उद्योग, कृषि, पशुपालन, सहकारिता व वानिकी तथा स्वास्थ्य व समाज कल्याण प्रक्षेत्र के प्रतिनिधियों की भी बैठक कर अगले 15 दिन में राय ली जायेगी। 2005 में बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद पहली बार जनअपेक्षाओं के अनुरूप बजट की तैयारी के लिए आम लोगों से रायशुमारी के साथ ही आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी करने की शुरूआत की गयी थी। 11 फरवरी से शुरू होने वाले विधानमंडल के सत्र में 2019-20 का पूर्ण बजट पेश कर 4 महीने के खर्चों की लेखानुदान के जरिए अनुमति ली जायेगी। 2004-05 का बजट आकार जहां 23,885 करोड़ का था वहीं बढ़ कर 2018-19 में 1 लाख 76 हजार करोड़ का हो गया है।

रायशुमारी के लिए आयोजित पहली बैठक में  8 नगर निगमों के मेयर, 8 नगर परिषद के अध्यक्ष व नगर पंचायत के 8 सभापति के साथ जिला परिषद, प्रखंड समिति व ग्राम पंचायत के आमंत्रित 20 प्रतिनिधि भाग लेकर आगामी बजट के लिए अपनी राय देंगे।

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मालूम हो कि 2005 में बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद पहली बार जनअपेक्षाओं के अनुरूप बजट की तैयारी के लिए आम लोगों से रायशुमारी के साथ ही आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी करने की शुरूआत की गयी थी। प्रतिवर्ष बजट पूर्व राय संग्रहित कर बजट तैयार करने में उसे अहमियत दी जाती है।

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बजट 2019-20 के लिए आम लोगों से भी आगामी 20 जनवरी तक अपना सुझाव आनलाइन व आफलाइन वित विभाग की बजट शाखा को प्रेषित करने की अपील की गई है।

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सुशील मोदी के ट्वीट

  • लालू प्रसाद ने अपने शासनकाल में दलितों-पिछड़ों   को रिजर्वेशन से वंचित रख कर पंचायतों-निकायों के चुनाव कराये और रिजर्वेशन में पिछड़ा-अतिपिछड़ा के वर्गीकरण का भी उन्होंने विरोध किया था। राजद- जैसी मानसिकता वाले चंद दलों के विरोध के बावजूद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में भारी बहुमत से आर्थिक आधार पर गरीबों को 10 फीसद रिजर्वेशन दिलाने वाला बिल पास कराने में सफल हो गए, तब लोगों के गुस्से को भांप कर राजद अपने सवर्ण विरोधी रुख पर लीपापोती कर रहा है। 10 फीसद राजद रिजर्वेशन को लालीपॉप बताने वाले बतायें कि वे गरीबी के आधार पर क्या इससे अधिक रिजर्वेशन देने का वादा अपने घोषणापत्र में कर सकते हैं?
  •  राजद में जिन सीनियर समाजवादी नेताओं को परिवारवादी राजनीति के तहत किनारे लगा दिया गया है, उन्होंने परिवार की बेनामी सम्पत्ति पर भले कुछ न कहा हो, यूपी में सपा-बसपा गठबंधन को तो स्वार्थी बता ही रहे हैं। दूसरी तरफ राजद के राजकुमार यूपी में कांग्रेस को अपमानित करने वाले नेताओं को गुलदस्ते भेंट करने के बाद पटना में कांग्रेस का दही-चूड़ा खाने भी पहुंच गए।
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