झारखंड फर्जीवाड़े का केंद्र बन गया है, सक्रिय हैं फ्राड

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नकली भारतीय करंसी छापने का झारखंड में चल रहा धंधा
नकली भारतीय करंसी छापने का झारखंड में चल रहा धंधा

रांची। झारखंड फर्जीवाड़े का केंद्र बन गया है। महीने भर के अंदर नकली नोट छापने की दो घटनाएं सामने आई हैं। कहीं मंदिर में नकली नोट छप रहे थे तो कहीं क्लीनिक में। हजारीबाग के पास कुछ ही दिन पहले एक मंदिर में नकली नोट छापने का कारोबारी पुजारी निकला। ताजा घटना रांची जिले के मांडर की है, जहां एक डॉक्टर अपने क्लीनिक में इलाज के साथ जाली नोट छापने का काम भी करता था।

आसिफ नाम का वह डॉक्टर वहीं पर दवा की दुकान भी चलाता है। पुलिस को यह जानकारी मिली थी कि उस इलाके में नकली नोट प्रचलन में हैं। सूचना पाने के बाद पुलिस ने अपनी चौकसी बढ़ाई, तब इस रहस्य से पर्दा हटा और डॉक्टर का असली राज खुला। वह 100, 200 और 500 रुपये के जाली नोट छापता और आसपास के बाजारों में खपाता था। पुलिस ने उसके यहां से प्रिंटर, स्केनर, लैपटॉप वगैरह जब्त किया है।

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झारखंड में दूसरी सबसे बड़ी फ्रॉड की घटना ट्रेन टिकट के फर्जीवाड़े की सामने आयी है। गिरिडीह में इस सिलसिले में पहले एक की गिरफ्तारी हुई और उसकी निशानदेही पर दूसरा जालसाज भी गिरिडीह के सरिया से गिरफ्तार हुआ। बाद में खुफिया एजेंसियों की तहकीकात में देशभर में फैले करीब 20 हजार ट्रेवल एजेंटों के गिरोह के सक्रिय होने का खुलासा हुआ है। उनके तार अंजरवर्ड से जुड़े बताये जा रहे हैं। गिरोह का सरगना दुबई से रैकेट को संचालित करता है।

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सीबीआई और एनआईए को जानकारी मिली थी कि फर्जी ट्रेन टिकट के कारोबार में देशभर में इस गिरोह के करीब 20000 एजेंट सक्रिय हैं। गिरिडीह का गुलाम मुस्तफा भी इसी गिरोह का आदमी बताया जाता है, जिसे खुफिया एजेंसियों ने पहले गिरफ्तार किया। गुलाम मुस्तफा ही देशभर में सक्रिय एजेंटों का सरगना बताया जता है। इस पूरे गिरोह का रिंग मास्टर दुबई में रहता है। उसका नाम हामिद अशरफ बताया जा रहा है है।

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मुस्तफा की निशानदेही पर गिरिडीह जिले के ही सरिया से एक और गिरफ्तारी हुई है। उसका नाम शमीम अख्तर है। खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि अंडरवर्ल्ड भी टिकटों के फर्जीवाड़े में शामिल है। इस नेटवर्क के बारे में खुफिया एजेंसियां पड़ताल में लगी हैं। यह रैकेट अब तक अरबों रुपए का चूना रेलवे को लगा चुका है। रेलवे इस गोरखधंधे के उजागर होने के बाद एहतियात बरत रही है। रेलवे भी अपने बुकिंग सॉफ्टवेयर को एरर प्रूफ बनाने में जुटी है।

साइबर अपराधियों के लिए देशभर में झारखंड का जामताड़ा जिला पहले से ही मशहूर है। वहां सामान्य पढ़े-लिखे साइबर अपराधी अमूमन हर घर में मिल जाते हैं। अक्सर उनकी गिरफ्तारियां भी होती हैं। इसके बावजूद साइबर अपराध पर अंकुश लगाने में पुलिस नाकाम रही है। लोगों के खाते की जानकारी लेकर ये साइबर अपराधी एटीएम से पैसे निकाल लेते हैं।

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