रामचंद्र पूर्वे को औकात में रहने की नसीहत, न झंडोत्तोलन, न जनता दरबार
- राणा अमरेश सिंह
पटना। गणतंत्रत दिवस के मौके पर राजधानी में हर छोटे-बड़े राजनीतिक दलों के दफ्तरों में जश्न का माहौल था। वहीं राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पार्टी कार्यालय के गेट पर आपे से बाहर थे। शंकर भस्म का टीका माथे पर लगाये तेज प्रताप का चेहरा क्रोध से तमतमा रहा था। वे ताबड़तोड़ मोबाइल से नंबर मिला रहे थे। कहीं कोई पिक नहीं कर रहा था। किसी का फोन व्यस्त तो किसी का बंद बता रहा था। अंततः प्रदेश राजद अध्यक्ष राम चंद्र पूर्वे को फोन मिलाया। तब कुछ देर बाद जाकर बाहर के गेट के ताले खुले। अंदर के ताले बंद ही रहे। तेज प्रताप यादव ने इसे रामचंद्र पूर्वे की साजिश बताते हुए उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई। तेजप्रताप यादव ने उन्हें औकात में रहने की नसीहत तक दे डाली। उन्हें उनके साथ राजनीति नहीं करने की भी चेतावनी देते सुना गया।
इतना चिल्ल-पों मचाने के बावजूद लालू यादव के लाल के लिए राजद कार्यालय का मेन गेट ही खुला, अंदर के कमरे की कुंजी का जुगाड़ नहीं हो सका। फलतः तेजप्रताप यादव कार्यालय में न गणतंत्रता दिवस का जश्न मना सके और न अपना मशहूर जनता दरबार ही लगा सके। सियासी जगत में दबी जुबान सवाल उठने लगे हैं कि कहीं क्या राजद कार्यालय के दरवाजे तेज प्रताप के लिए बंद तो न हो गये! अथवा महज यह एक इत्तेफाक था।
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यद्यपि हर गणतंत्र दिवस पर पार्टी कार्यालय में झंडोत्तोलन होते रहा है। तेज प्रताप यादव अपने दोस्तों के साथ अन्य दिनों की तरह वीरचंद पटेल स्थित राजद कार्यलय पहुंचे थे। वहां वह गेट के दरवाजे पर ताले लटके देखते आपे से बाहर हो गये। कार्यालय खुलवाने के लिए उन्होंने कई लोगों को फोन मिलाया, लेकिन किसी ने उठाया नहीं। उन्हें मामले को समझते देर न लगी और राम चंद्र पूर्वे को सीधे फोन मिलाया और उनसे कार्यालय खुलवाने को कहा। जुलाई ’18 से ही तेज प्रताप यादव और राम चंद्र पूर्वे में मतभेद की खबरें आती रही हैं।
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कुछ देर बाद एक कार्यकर्त्ता ने आकर कार्यालय के मेन गेट का दरवाजे का ताला खोला। उसने अपने पास अंदर के कमरे के ताले की कुंजी नहीं होने की बात बताई। तेज प्रताप यादव ने रामचंद्र पूर्वे को आड़े हाथ लिया और खूब खरी-खोटी सुना डाला। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हमारी लोकप्रियता से घबरा गये हैं। इसलिए मेरी एंट्री कार्यालय में बंद करना चाहते हैं। तेज प्रताप यादव को समझ में आ गया कि यह किसके इशारे से किया गया है। उन्होंने इसकी शिकायत लालू यादव व तेजस्वी यादव से करने की भी बात कही। हालांकि रामचंद्र पूर्वे से अभी तक इस पर कमेंट नहीं मिल पाया है।
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कहीं साजिश तो नहीं!
सूबे में बड़ी जनाधार वाली पार्टी के कार्यालय में गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडोत्तोलन तक न हो, यह सबको हैरत में डालने और राजद कार्यकर्त्ताओं को परेशान करने वाली बात है। सूत्रों का कहना है कि गुरुवार के एक कार्यक्रम में तेजस्वी यादव, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, मुख्य प्रवक्ता व विधायक भाई बीरेंद्र, पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के अलावा कई वरिष्ठ नेताओं ने शिरकत की थी। बाद में इन लोगों ने आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर माथापच्ची की। सूत्रों के मुताबिक रामचंद्र पूर्वे ने पार्टी कार्यालय में तेज प्रताप यादव को लेकर होने वाली तकनीकी परेशानियों का जिक्र किया। वहीं पर इसकी रणनीति भी बनी कि कैसे तेज को किनारे रखा जाये।
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