पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने अंकुश लगाने की दी सलाह
कोलकाता। राज्य के लोगों की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पुल टूटना और अस्पताल जैसे स्थानों पर आग लगना रोजमर्रा की घटना हो गयी है पश्चिम बंगाल में। इससे आम आदमी परेशान और आतंकित है। राजभवन से जारी एक बयान में राज्यपाल ने राज्य सरकार को यह निर्देश भी दिया है कि दमदम विस्फोट व मेडिकेल कालेज में आग लगने जैसी घटना की उच्चस्तरीय़ जांच करायी जानी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा है कि इस तरह की घटना पर प्रशासन की कड़ी नजर होनी चाहिए। राज्यपाल के इस बयान पर राज्य में राजनीति तेज हो गयी है। राज्य भाजपा व सीपीएम की ओर से राज्यपाल के बयान का समर्थन करते हुए कहा गया है कि राज्यपाल की चिंता वाजिब है। सरकार को इस तरह की घटनाओं पर नजर रखनी होगी।
राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के इस बयान पर नन्दीग्राम की घटना पर उस समय के राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी का बयान याद आ रहा है। सनद रहे कि नंदीग्राम की घटना पर खूब राजनीति हुई थी। ममता को सत्ता मिली, तो इसके पीछे नंदीग्राम की घटना भी एक कारण थी। श्री गांधी ने कहा था कि बंगाल में यह आतंक शरीर में ठंड की लहर बह जाता है। तब उनका दिया बयान ममता बनर्जी के पक्ष में गया था। इसलिए कि वे नंदीग्राम को लेकर ही आंदोलन कर रही थीं।
हालांकि केशरी नाथ त्रिपाठी के बयान पर तृणमूल खुलकर कुछ नहीं कह रही है। राजभवन की ओर से जारी किये गये बयान में दमदम विस्फट में मृत बालक के घरवालों के प्रति संवेदना जतायी गयी है। राज्यपाल ने राज्य प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि इस तरह की घटना न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी चौकसी बरतने की जरूरत है। उन्होंने मेडिकल कालेज में आग लगने की घटनी की उच्चस्तरीय़ जांच की सलाह दी है।
इधर राजनीतिक जानकारों का आरोप है कि राज्यपाल को बयान देने के बजाए प्रशासन को बुलाकर बात करनी चाहिए। माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती का कहना है कि पिछले एक माह में राज्य में जिस तरह की घटनाएं घट रही हैं, उससे आम आदमी आतंकित है। कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्र ने कहा कि आज राज्यपाल जो कह रहे हैं, वही बात पिछले कई दिनों से हम भी कह रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि वे एनआइए जांच की मांग कर रहें हैँ।
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