पटना। पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के खिलाफ दर्ज आर्म्स एक्ट के मामले में अग्रिम जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। मंजू वर्मा को जेल जाना होगा या अग्रिम जमानत मिलेगी, इस पर अब कोर्ट के फैसले का इंतजार करना होगा। मंजू वर्मा के चेरिया बरियारपुर थाना अंतर्गत अर्जुन टोला गांव के एक मकान से विभिन्न हथियारों के 50 कारतूस बरामद हुए थे।
अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान मंजू वर्मा के अधिवक्ता रणजीत कुमार ने कोर्ट को बताया कि सीबीआई की छापेमारी के दौरान बेगूसराय जिला के चेरिया बरियारपुर थाना अंतर्गत अर्जुन टोला गांव के एक मकान से विभिन्न हथियारों के 50 कारतूस बरामद हुए थे। वहां से उनका कोई लेना-देना नहीं है। मंजू वर्मा 2010 से विधायक हैं और वे इस दौरान अपने सरकारी आवास पटना में रह रही हैं। अर्जुन टोला स्थित घर उनके पति चंदेश्वर वर्मा का है, जिसका निर्माण उनके दादा ने करावाया था। उस घर में और भी 15 सदस्य रहते हैं। इस पर अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि उक्त घर में तीन ही कमरे हैं। जिनका उपयोग वर्मा दंपति करते थे।
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बंद कमरे के ट्रंक से जिंदा कारतूस बरामद हुआ था। उस घर के केयर टेकर राम विलास वर्मा ने छापेमारी के बाद अपने बयान में कहा था कि इस घर के मालिक चंदेश्वर वर्मा हैं। यहां पर मंजू वर्मा का साल-दो साल पर आना-जाना होता है। हालांकि वे कभी घंटा दो घंटा से ज्यादा नहीं ठरहती थीं।
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न्यायाधीश एस. कुमार ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। गौरतलब है कि शेल्टर हाउस कांड के अनुसंधान के क्रम में सीबीआई की छापेमारी के दौरान बेगूसराय जिला के चेरिया बरियारपुर थाना अंतर्गत अर्जुन टोला गांव स्थित मंजू वर्मा के पति पुस्तैनी आवास से विभिन्न हथियारों के 50 कारतूस बरामद हुआ था। इस मामले को लेकर सीबीआई ने पूर्व मंत्री मंजू वर्मा और उनके पति के विरुद्ध चेरिया बरियार में कांड संख्या 143 दर्ज कराया था। आम्र्स एक्ट के तहत बेगुसराय में मुकदमा दर्ज होने के बाद वहां की स्थानीय अदालत ने मंजू वर्मा को अग्रिम जमानत याचिका भी दायार किया। मामला दर्ज होने के बाद से ही पूर्व मंत्री फरार चल रही हैं।